नई दिल्ली:
सर्वोच्च न्यायालय ने बुधवार को हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला की जमानत याचिका खारिज कर दी। राज्य में हुए शिक्षक भर्ती घोटाले में चौटाला और उनके बेटे निचली अदालत से दोषी करार दिए जा चुके हैं।
न्यायमूर्ति एचएल दत्तु और न्यायमूर्ति एसजे मुखोपाध्याय की पीठ ने बीमारी के बहाने जेल से बाहर आने देने की मांग करने वाली याचिका को खारिज कर दिया। न्यायाधीशों ने कहा कि जिन बीमारियों का चौटाला ने उल्लेख किया है उनमें से अधिकांश बुढ़ापे से संबंधित हैं।
न्यायमूर्ति दत्तु ने कहा, "हमारे दिमाग में यह बात आई है कि यदि याची को सत्ता में आने का अवसर मिला तो क्या वे हमारे सामने जिन बीमारियों का हवाला दे रहे हैं उसका उल्लेख कर सत्ता छोड़ देंगे।"
जमानत के आधार का मजाक उड़ते हुए न्यायमूर्ति मुखोपाध्याय ने कहा यदि इस आधार को स्वीकार कर लिया गया तो जेलें सिर्फ स्वस्थ लोगों के लिए रह जाएंगी।
शीर्ष अदालत ने हालांकि चौटाला को थोड़ी सी राहत देते हुए उन्हें जेल अधिकारियों के समक्ष 23 सितंबर तक समर्पण करने का अवसर दे दिया। अदालत ने जेल अधिकारियों को मांग करने पर 'उचित प्रभावी और विशेषज्ञ चिकित्सा' मुहैया कराने का निर्देश दिया।
न्यायमूर्ति एचएल दत्तु और न्यायमूर्ति एसजे मुखोपाध्याय की पीठ ने बीमारी के बहाने जेल से बाहर आने देने की मांग करने वाली याचिका को खारिज कर दिया। न्यायाधीशों ने कहा कि जिन बीमारियों का चौटाला ने उल्लेख किया है उनमें से अधिकांश बुढ़ापे से संबंधित हैं।
न्यायमूर्ति दत्तु ने कहा, "हमारे दिमाग में यह बात आई है कि यदि याची को सत्ता में आने का अवसर मिला तो क्या वे हमारे सामने जिन बीमारियों का हवाला दे रहे हैं उसका उल्लेख कर सत्ता छोड़ देंगे।"
जमानत के आधार का मजाक उड़ते हुए न्यायमूर्ति मुखोपाध्याय ने कहा यदि इस आधार को स्वीकार कर लिया गया तो जेलें सिर्फ स्वस्थ लोगों के लिए रह जाएंगी।
शीर्ष अदालत ने हालांकि चौटाला को थोड़ी सी राहत देते हुए उन्हें जेल अधिकारियों के समक्ष 23 सितंबर तक समर्पण करने का अवसर दे दिया। अदालत ने जेल अधिकारियों को मांग करने पर 'उचित प्रभावी और विशेषज्ञ चिकित्सा' मुहैया कराने का निर्देश दिया।
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