हाल ही में क्रिकेट से संन्यास लेने वाले कैफ की गिनती भारत के सर्वश्रेष्ठ फील्डरों में की जाती थी
नई दिल्ली:
भारत के सर्वश्रेष्ठ फील्डर माने जाने वाले मोहम्मद कैफ ने कहा है कि मैं सोशल मीडिया विशेषज्ञ नहीं हूं लेकिन सोशल मीडिया ऐसा माध्यम है जिसके जरिये आप अपनी बात लोगों तक पहुंचा सकते हैं. उन्होंने कहा कि पब्लिक फिगर होने के नाते लोग मेरी राय जानना चाहते हैं. हाल ही में क्रिकेट से संन्यास लेने वाले मोहम्मद कैफ ने कहा कि ट्रोल, मीडिया का गढ़ा हुआ शब्द है और मैं इसे नहीं मानता हूं उन्होंने कहा कि मैं मानता हूं कि ऐसे लोग जिनका सपना था, देश के लिए खेलना. मुझे इस लेवल पर आकर अपने व्यूज देने का मौका मिला है. मैं अपने विचारों को सोशल मीडिया के जरिये अभिव्यक्त करता हूं. अपनी कप्तानी में देश के लिए जूनियर वर्ल्डकप जीतने वाले मो. कैफ ने एनडीटीवी (NDTV)के स्पेशल यूथ कॉन्क्लेव ‘NDTV युवा’में शिरकत करते हुए यह विचार जताए. बॉलीवुड एक्टर स्वरा भास्कर (Swara Bhaskar) ने भी ‘सोशल मीडिया के सितारे: हीरो या विलेन?’ विषय पर आयोजित सत्र में अपने विचार रखे. इस सत्र का संचालन राजीव मखनी ने किया. इस सत्र में सिंगर ध्वनि भानुशाली, कलाकार कुशा कपिला, संचार सलाहकार दिलीप चेरियन और फैशन डिज़ाइनर रीना ढाका भी मौजूद थे. एक घटना का जिक्र करते हुए कैफ ने बताया कि बांग्लादेश के खिलाफ वेस्टइंडीज के एक बॉलर ने पांच विकेट लिए तो मैंने उसके समर्थन में ट्वीट करते हुए उसकी प्रशंसा की. उन्होंने कहा कि इस ट्वीट के बाद एक शख्स, जो मुस्लिम था, ने कहा था, आप मुस्लिम होकर ऐसी बात कर रहे हैं. कैफ के अनुसार, मैंने जवाब में लिखा था-मैं एक क्रिकेटर हूं और अच्छा प्रदर्शन करने वाले की तारीफ करता हूं. उस शख्स को भी शायद मेरी बात समझ में आ गई.
वीडियो: स्वरा भास्कर बोलीं, सोशल मीडिया में कोई छोटा-बड़ा नहीं मोहम्मद कैफ ने माना कि वे सोशल मीडिया के एक्सपर्ट तो नहीं हूं, मगर इसके जरिये मुझे आवाज मिली है. इसकी वजह से मैं काफी लोगों तक पहुंच पाता हूं. लोगों से बात कर पाता हूं. अपने विचार और संदेश लोगों तक पहुंचा पाता हूं. उन्होंने कहा कि ट्वीट करते हुए विवाद पैदा करना मेरे दिमाग में नहीं होता. जो फील करता हूं, वही पोस्ट करता हूं. उन्होंने कहा कि ट्रोल मीडिया का दिया शब्द है. मेरी नजर में ट्रोल जैसा शब्द नहीं है. ट्रोल का मतलब सिर्फ सहमत या असहमत लोग होते हैं. मैं ईमानदारी से लोगों तक अपनी बात पहुंचाने की कोशिश करता हूं.
वीडियो: स्वरा भास्कर बोलीं, सोशल मीडिया में कोई छोटा-बड़ा नहीं मोहम्मद कैफ ने माना कि वे सोशल मीडिया के एक्सपर्ट तो नहीं हूं, मगर इसके जरिये मुझे आवाज मिली है. इसकी वजह से मैं काफी लोगों तक पहुंच पाता हूं. लोगों से बात कर पाता हूं. अपने विचार और संदेश लोगों तक पहुंचा पाता हूं. उन्होंने कहा कि ट्वीट करते हुए विवाद पैदा करना मेरे दिमाग में नहीं होता. जो फील करता हूं, वही पोस्ट करता हूं. उन्होंने कहा कि ट्रोल मीडिया का दिया शब्द है. मेरी नजर में ट्रोल जैसा शब्द नहीं है. ट्रोल का मतलब सिर्फ सहमत या असहमत लोग होते हैं. मैं ईमानदारी से लोगों तक अपनी बात पहुंचाने की कोशिश करता हूं.
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