जम्मू-कश्मीर पर बड़े फैसले के बीच विदेश मंत्री ने कहा, भारत और चीन को मतभेदों के चलते संबंध नहीं बिगाड़ना चाहिए

भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सोमवार को अपने चीनी समकक्ष वांग यी के साथ मुलाकात की.

जम्मू-कश्मीर पर बड़े फैसले के बीच विदेश मंत्री ने कहा, भारत और चीन को मतभेदों के चलते संबंध नहीं बिगाड़ना चाहिए

भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सोमवार को अपने चीनी समकक्ष वांग यी के साथ मुलाकात की.

खास बातें

  • विदेश मंत्री ने अपने चीनी समकक्ष से की मुलाकात
  • कहा- मतभेदों के चलते संबंध नहीं बिगाड़ना चाहिए
  • बोले, वैश्विक राजनीति में भारत-चीन संबंधों का एक अनोखा स्थान
बीजिंग:

भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सोमवार को अपने चीनी समकक्ष वांग यी के साथ मुलाकात में कहा कि भारत और चीन को चाहिए कि वह अपने द्विपक्षीय संबंधों को मतभेदों के चलते प्रभावित न होने दें. उन्होंने यह बयान बीजिंग में उस वक्त दिया, जब कश्मीर को लेकर उठाए गए कदम पर चीन ने अपनी आपत्ति दर्ज कराई. तीन दिवसीय यात्रा पर चीन गए विदेश मंत्री जयशंकर ने अपने समकक्ष वांग यी को इस बात को लेकर अवगत कराया कि किसी भी प्रकार के तनाव को कम करने के लिए दोनों पक्षों को सचेत प्रयास करने होंगे, ताकि मतभेदों के चलते द्विपक्षीय संबंध प्रभावित न हों. उन्होंने कहा कि वैश्विक राजनीति में भारत-चीन संबंधों का एक अनोखा स्थान है और ये संबंध वैश्विक स्थिरता के कारक होने चाहिए. 

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दोनों देशों की मुलाकात से पहले नई दिल्ली चीन को अवगत करा चुकी है कि अनुच्छेद 370 को रद्द करना और जम्मू एवं कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा वापस लेकर लद्दाख को केंद्रीय शासित प्रदेश बनाना पूर्ण रूप से भारत का आंतरिक मामला है. अपनी टिप्पणी में वांग ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बढ़ते तनाव पर वह नजर बनाए हुए हैं और नई दिल्ली से अपील करते हैं कि शांति व स्थिरता बनाए रखे. विदेश मंत्री वांग से मुलाकात के बाद विदेश मंत्री जयशंकर ने चीन के उप-राष्ट्रपति वांग किशान से बीजिंग में मुलाकात की. सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने सोमवार को कहा कि विदेश मंत्री जयशंकर की यात्रा के दौरान चीन और भारत के बीच कश्मीर मुद्दे पर पर्याप्त संचार होगा.  

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ग्लोबल टाइम्स ने एक विशेषज्ञ के हवाले से कहा, "भारत अपनी चिंताओं और योजनाओं से चीन को अवगत कराएगा. इसके साथ ही चीन अपनी बात भारत के सामने रखेगा." सिंघुआ विश्वविद्यालय के राष्ट्रीय रणनीति संस्थान में एक शोधकर्ता किन्ग फेंग के हवाले से समाचारपत्र ने कहा, "चीन भी मुद्दे को लेकर अपने रुख को दोहराते हुए भारत के कदम पर असंतोष और आपत्ति दर्ज कराएगा. वह इस बात को रखेगा कि भारत ने क्षेत्रीय विवादों के लिए तंत्र को दरकिनार कर दिया और एकतरफा ²ष्टिकोण का सहारा लिया." 

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किन्ग फेंग के अनुसार, "दक्षिण एशिया में चीन अपने दो महत्वपूर्ण पड़ोसियों के बीच मध्यस्ता का काम कर स्थिति को नियंत्रण से बाहर जाने से रोक सकता है." उन्होंने कहा कि शुक्रवार शाम पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरेशी ने चीन की 'विशेष आपातकालीन यात्रा' की और अपने समकक्ष वांग यी को कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान के विचार, स्थिति और कांउटर उपायों से अवगत कराया. कुरेशी ने इस्लामाबाद में पत्रकारों से कहा कि संयुक्त राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद में कश्मीर मुद्दे पर चीन पाकिस्तान का समर्थन करेगा.  

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