वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को मुंबई में अपने दो दिवसीय यात्रा के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कई मुद्दों पर बयान दिया. उन्होंने अपनी यात्रा के दौरान कई सरकारी बैंकों के सीईओ और अन्य अधिकारियों सहित कन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री के अधिकारियों से मिलीं. बैठकों में बैंकों के वित्तीय प्रदर्शन और महामारी से प्रभावित अर्थव्यवस्था के समर्थन में उनकी तरफ से उठाये गये कदमों की समीक्षा की गई. मंत्री ने इस दौरान सरकारी बैंकों में सुधार के लिए वित्तवर्ष 2021-22 के लिए एक रिफॉर्म एजेंडा EASE 4.0 Index भी लॉन्च किया. उन्होंने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने महामारी के बावजूद अच्छा काम किया और इस दौरान वह रिजर्व बैंक की त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई से बाहर निकले हैं.
'एक जिला, एक निर्यात एजेंडा को बढ़ावा देने पर जोर'
वित्त मंत्री ने बैंकों से राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम करने का आग्रह किया है, जिससे ‘एक जिला, एक निर्यात' एजेंडा को आगे बढ़ाया जा सके. उन्होंने कहा कि ‘एक जिला- एक उत्पाद' को बढ़ावा देने के लिये बैंकों से राज्यों के साथ मिलकर काम करने को कहा गया है.
उन्होंने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों से कहा कि वे निर्यातकों के संगठनों से बातचीत करें और उनकी जरूरतों को समझें. उन्होंने ‘एक जिला, एक उत्पाद निर्यात' एजेंडा को आगे बढ़ाने के लिए बैंकों से राज्यों के साथ मिलकर काम करने को कहा. वित्त मंत्री ने बैंकों से वित्तीय प्रौद्योगिकी क्षेत्र को समर्थन देने को भी कहा.
बीमा कंपनियों के कर्मचारियों को दिलाया भरोसा
वहीं, निजीकरण का विरोध कर रहे सरकारी बीमा कंपनियों को कर्मचारियों को लेकर वित्त मंत्री ने कहा कि 'सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनियों के कर्मचारियों को घबराने की जरूरत नहीं है. सरकार उनकी चिंताओं से अवगत है.'
दरअसल, सरकार ने इस मॉनसून सत्र में संसद में साधारण बीमा कारोबार (राष्ट्रीयकरण) संशोधन विधेयक, 2021 पास किया है, जिसका पीएसजीआई कंपनियों के श्रमिक संगठन विरोध कर रहे हैं. इस विधेयक के पारित होने के बाद केंद्र सरकार किसी बीमा कंपनी में 51 प्रतिशत से कम हिस्सेदारी रख सकती है यानी उसका निजीकरण किया जा सकता है.
राहुल गांधी पर साधा निशाना
हाल ही में सरकार की ओर से अनाउंस की गई मौद्रिकरण नीति को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी लगातार केंद्र सरकार को निशाने पर ले रहे हैं. गांधी ने मंगलवार को सरकार की राष्ट्रीय मौद्रिकरण पाइपलाइन (एनएमपी) पर सवाल उठाए थे. इस संबंध में सवाल पूछे जानेपर सीतारमण ने कहा कि 'क्या राहुल गांधी मौद्रिकरण के बारे में जानते हैं? वह कांग्रेस थी जिसने देश के संसाधनों को बेचा और उसमें रिश्वत प्राप्त की. कांग्रेस सरकार ने 8,000 करोड़ रुपये जुटाने के लिए मुंबई-पुणे एक्सप्रेस वे का मौद्रिकरण किया, 2008 में नयी दिल्ली रेलवे स्टेशन के लिए अनुरोध प्रस्ताव आमंत्रित किया गया था.'
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