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This Article is From Jun 24, 2020

अपने प्रॉडक्ट्स पर 'कंट्री ऑफ ओरिजन' लिखने के लिए राजी हुए Flipkart और Amazon

ऑनलाइन फर्मों ने कहा कि वह अपने प्रोडक्ट्स पर कंट्री ऑफ ओरिजन प्रदर्शित करेंगे. इसमें दो सप्ताह का समय लगेगा.'

अपने प्रॉडक्ट्स पर 'कंट्री ऑफ ओरिजन' लिखने के लिए राजी हुए Flipkart और Amazon
नई दिल्ली:

अब भारत में अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसी ई-कॉर्मस कंपनियों को अपने प्रोडक्ट्स पर कंट्री ऑफ ओरिजन यानि जिस देश में वह प्रॉडक्ट बना है उसको प्रदर्शित करना अनिवार्य होगा. सरकारी सूत्रों ने कहा है कि बुधवार को ई-कॉमर्स कंपनियों के ग्रुप ने कंट्री ऑफ ओरिजिन प्रदर्शित करने का फैसला किया है. ई-कॉमर्स कंपनियों के ग्रुप ने यह निर्णय एक वीडियो कॉफ्रेंस मीटिंग में सरकार के उस कदम के बाद लिया जिसमें सरकारी ई-मार्किटप्लेस (GeM) पर प्रोडक्टस् को बेचने के लिए 'कंट्री ऑफ ओरिजन' प्रदर्शित करना अनिवार्य किया गया है.  उत्पादों में भारतीय सामग्री के प्रतिशत का उल्लेख करना भी अनिवार्य है, सरकार ने कहा कि इस कदम का उद्देश्य मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत अभियान को बढ़ावा देना था. चीन के खिलाफ जारी आर्थिक गतिरोध के बीच नियमों में चीनी उत्पादों के खिलाफ बाधाओं को जोड़ने की उम्मीद है.

सूत्रों ने कहा, 'हालांकि अभी तक ई-कॉमर्स कंपनियों पर लागू किए जाने वाले कोई नियम नहीं थे. लेकिन आज प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड डिपार्टमेंट के अधिकारियों के साथ हुई बैठक में ऑनलाइन फर्मों ने कहा कि वह अपने प्रोडक्ट्स पर कंट्री ऑफ ओरिजन प्रदर्शित करेंगे. इसमें दो सप्ताह का समय लगेगा.'

देश में चीनी उत्पादों का बहिष्कार करने के लिए राष्ट्रव्यापी आंदोलन छेड़ने वाले कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT)और अखिल भारतीय व्यापारियों के संगठन ने सरकार के इस निर्णय का स्वागत किया है. कल राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की आर्थिक शाखा ने कहा था कि अमेजन जैसे ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर सरकार के नियम को बढ़ाया जाना चाहिए. 

स्वदेशी जागरण मंच के सह-संयोजक अश्विनी महाजन ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स के हवाले से कहा, "सरकार को सभी प्लेटफ़ॉर्म पर नियमों का विस्तार करना चाहिए ताकि उपभोक्ताओं को चीनी उत्पाद न खरीदने का विकल्प मिले."

पिछले हफ्ते, लद्दाख में दशकों में हुई सबसे भीषण हिंसा में 20 सैनिक मारे गए थे और 70 से अधिक घायल हुए थे. इसके तुरंत बाद, अखिल भारतीय व्यापारियों के संगठन - कन्फेडरेशन ऑफ़ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने चीनी वस्तुओं और सेवाओं के बहिष्कार का आह्वान किया है. इस बीच केंद्र सरकार ने सरकार के स्वामित्व वाली संचार कंपनी बीएसएनएल से कहा कि अपने 4जी अपग्रेडेशन के लिए सुरक्षा की दृष्टि से चीनी उपकरणों का इस्तेमाल नहीं करें. इस बीच एक चीनी फर्म को 471 करोड़ रुपये का रेलवे ठेका दिया गया था जिसे "खराब प्रगति के मद्देनजर" वापस ले लिया गया है.

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