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This Article is From Jun 17, 2017

अनंतनाग हमले में शहीद SHO फिरोज अहमद की कविता वायरल...मेरी कब्र में मेरे साथ पहली रात को क्या होगा?

हमले में शामिल आतंकवादियों ने पुलिसकर्मियों के हथियार ले जाने से पहले उनके चेहरे विकृत करने का प्रयास किया था.

अनंतनाग हमले में शहीद SHO फिरोज अहमद की कविता वायरल...मेरी कब्र में मेरे साथ पहली रात को क्या होगा?
डार ने यह भावनात्मक कविता 18 जनवरी 2013 को फेसबुक पर लिखी थी..
श्रीनगर: कश्मीर के अनंतनाग जिले में अचाबल में संदिग्ध लश्कर आतंकवादियों द्वारा घात लगाकर किये गए हमले में शहीद हुए छह पुलिसकर्मियों में शामिल फिरोज अहमद डार (32) को शुक्रवार रात पुलवामा जिले के डोगरीपुरा गांव स्थित उनके परिवार के पैतृक कब्रिस्तान में दफना दिया गया. इस दौरान उनके गांव और उनके विभाग के कई लोगों ने उन्हें अश्रुपूर्ण विदाई दी. हमले में शामिल आतंकवादियों ने पुलिसकर्मियों के हथियार ले जाने से पहले उनके चेहरे विकृत करने का प्रयास किया था.

डार के परिवार और मित्र जब उनकी अंतिम यात्रा की तैयारी कर रहे थे, डार द्वारा 18 जनवरी 2013 को लिखे गए शब्द सभी को याद आ रहे थे. उन्होंने लिखा था, "क्या आपने एक पल के लिए भी रूककर स्वयं से सवाल किया कि मेरी कब्र में मेरे साथ पहली रात को क्या होगा? उस पल के बारे में सोचना जब तुम्हारे शव को नहलाया जा रहा होगा और तुम्हारी कब्र तैयार की जा रही होगी." डार ने अपने फेसबुक वॉल पर लिखा था, "उस दिन के बारे में सोचो जब लोग तुम्हें तुम्हारी कब्र तक ले जा रहे होंगे और तुम्हारा परिवार रो रहा होगा..उस पल के बारे में सोचो जब तुम्हें तुम्हारी कब्र में डाला जा रहा होगा." डार के गांव के लोगों की आंखें नम थीं. ग्रामीण डार को श्रद्धांजलि अपर्ति करने के लिए उनके घर के बाहर एकत्रित हुए थे. डार की दो बेटियां, छह वर्षीय अदाह और दो वर्षीय सिमरन नहीं समझ पा रही थीं कि अचानक उनके घर के बाहर लोग क्यों जमा हुए हैं. डार की पत्नी मुबीना अख्तर और उनके वृद्ध माता पिता चिल्ला रहे थे और अपनी छाती पीट रहे थे. 



फिरोज की कविता का भाव कुछ इस प्रकार है:  

"क्या आपने एक पल के लिए भी रूककर स्वयं से सवाल किया कि मेरी कब्र में मेरे साथ पहली रात को क्या होगा? 
उस पल के बारे में सोचना जब तुम्हारे शव को नहलाया जा रहा होगा और तुम्हारी कब्र तैयार की जा रही होगी. 
उस दिन के बारे में सोचो जब लोग तुम्हें तुम्हारी कब्र तक ले जा रहे होंगे और तुम्हारा परिवार रो रहा होगा..
उस पल के बारे में सोचो जब तुम्हें तुम्हारी कब्र में डाला जा रहा होगा. 
जरा सोचिए... अपनी कब्र में खुद को, उस घने अंधेरे में गड्ढे के अंदर... अकेला.  
उस अंधेरे में आप मदद के लिए चिल्लाएंगे लेकिन... यह काफी संकीर्ण है आपकी हड्डियों को कुचल दिया जाता है. 
आपको अपनी प्रार्थनाएं याद आती है, आप संगीत को याद करते हैं. 
आप हिजाब ना पहनने पर अफसोस जताते हैं. अल्लाह के आदेशों की अनदेखी करने पर आप पछतावा करेंगे 
लेकिन बच नहीं सकेंगे...... 
आप अपने कर्मों के साथ अकेले रहेंगे. ना पैसा ना आभूषण, सिर्फ कर्म... अल्लाह सभी को कब्र की यातनाओं से बचाता है. आमीन."

गौरतलब है कि अनंतनाग जिले के अचबल इलाके में शुक्रवार को लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादियों ने घात लगाकर पुलिस दल पर हमला किया। इस हमले में थाना प्रभारी फिरोज अहमद डार समेत 6 पुलिसकर्मी शहीद हुए थे. पुलिस के मुताबिक लश्कर ने अपने कमांडर जुनैद मट्टू के मारे जाने का बदला लेने के लिए पुलिस बल पर हमला किया. शुक्रवार को ही सुरक्षा बलों ने दक्षिण कश्मीर के बिजबहेड़ा इलाके में लश्कर कमांडर मट्टू समेत 3 आतंकवादियों को एक मुठभेड़ में मार गिराया था. 
(इनपुट भाषा से भी)

 

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