नई दिल्ली:
चीन से लगी सीमा पर रोशनी का एक गोला सुरक्षा बलों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है। चिंता वाली बात यह भी है कि अगर कभी-कभार आसमान में ऐसी चीज दिखी होती तो कोई खास चिंता वाली बात नहीं होती लेकिन इस साल अगस्त महीने से ऐसी घटनाएं एक बार नहीं कई बार हुई हैं।
किसी को भी समझ में नहीं आ रहा है आखिर यह है क्या बला है और क्यों चीन के साथ लगी उत्तरी सीमा पर ही ऐसी चीजें दिख रही हैं। वैसे रडार व अन्य निगरानी के उपकरण भी इसकी पहचान नहीं कर सके हैं और न ही उन्हें कोई धातु या किसी चीज के निशान मिले हैं।
सरहद पर तैनात सेना से लेकर भारत तिब्बत सीमा पुलिस इस बात की पुष्टि तो कर रहा है, लेकिन कोई भी खुलकर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है। हां, इतना जरूर मानते हैं कि इसको लेकर जांच चल रही है।
मजेदार बात यह है कि इस मामले की जांच एनटीआरओ यानि कि राष्ट्रीय तकनीकी अनुसंधान संगठन और रक्षा अनुसंधान एवं विकास संग्ठन यानि कि डीआरडीओ के भी जांच करने के बावजूद किसी को कुछ समझ में नहीं आ रहा है। इलाके में तैनात कुछ अफसर बताते हैं कि ये रोशनी का गोला चीनी इलाके से उठने के बाद काफी ऊंचाई पर हवा में तैरता हुआ दिखता है और फिर अपने आप गायब भी हो जाता है। हालांकि, इसका आकार मानवरहित टोही विमान यानि कि यूएवी से अलग है।
ये बात समझ से परे है कि यह क्या है। वैसे सेना के जानकार इसे पनी तकनीकी कमजोरी बताते हैं कि इसे लेकर अब तक हम किसी नतीजे पर नहीं पहुंचे हैं। अगर ऐसी घटना इस्राइल या अमेरिका में हुई होती तो सरकार की नींद उड़ जाती। लेकिन, भारत में तो कोई बड़ी घटना तब तक नहीं होती है जब तक किसी पर कोई असर ही नहीं पड़ता।
किसी को भी समझ में नहीं आ रहा है आखिर यह है क्या बला है और क्यों चीन के साथ लगी उत्तरी सीमा पर ही ऐसी चीजें दिख रही हैं। वैसे रडार व अन्य निगरानी के उपकरण भी इसकी पहचान नहीं कर सके हैं और न ही उन्हें कोई धातु या किसी चीज के निशान मिले हैं।
सरहद पर तैनात सेना से लेकर भारत तिब्बत सीमा पुलिस इस बात की पुष्टि तो कर रहा है, लेकिन कोई भी खुलकर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है। हां, इतना जरूर मानते हैं कि इसको लेकर जांच चल रही है।
मजेदार बात यह है कि इस मामले की जांच एनटीआरओ यानि कि राष्ट्रीय तकनीकी अनुसंधान संगठन और रक्षा अनुसंधान एवं विकास संग्ठन यानि कि डीआरडीओ के भी जांच करने के बावजूद किसी को कुछ समझ में नहीं आ रहा है। इलाके में तैनात कुछ अफसर बताते हैं कि ये रोशनी का गोला चीनी इलाके से उठने के बाद काफी ऊंचाई पर हवा में तैरता हुआ दिखता है और फिर अपने आप गायब भी हो जाता है। हालांकि, इसका आकार मानवरहित टोही विमान यानि कि यूएवी से अलग है।
ये बात समझ से परे है कि यह क्या है। वैसे सेना के जानकार इसे पनी तकनीकी कमजोरी बताते हैं कि इसे लेकर अब तक हम किसी नतीजे पर नहीं पहुंचे हैं। अगर ऐसी घटना इस्राइल या अमेरिका में हुई होती तो सरकार की नींद उड़ जाती। लेकिन, भारत में तो कोई बड़ी घटना तब तक नहीं होती है जब तक किसी पर कोई असर ही नहीं पड़ता।
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