वित्त मंत्री ने कहा कि इस कोरोना काल में राज्यों के राजस्व को भी खासा नुकसान हुआ है. लिहाजा उनके लिए भी इस पैकेज में प्रावधान किया गया है. वित्त मंत्री ने बताया कि राज्य 2020- 21 में अपनी GDP का 5 फीसदी कर्ज ले सकते हैं, यह केवल एक साल के लिए होगा. उन्होंने बताया कि अब तक 6.41 लाख करोड़ रुपये 3 फीसदी राज्य के जीडीपी के हिसाब से कर्ज उठा सकते थे, लेकिन अभी तक राज्यों ने केवल 14 फीसदी ही अपनी क्षमता का कर्ज उठाया है, 86 फीसदी नहीं उठाया है.
वित्त मंत्री के अनुसार राज्यों के कर्ज लेने की क्षमता को 3 से 5 फीसदी किया गया है, इसके लिए कुछ शर्तों को भी रखा गया है. 0.50% फीसदी कर्ज बढ़ाने के लिए कोई शर्त नहीं होगाी. इसके बाद 1 फीसदी को चार चरण (0.25% प्रति चरण की दर से) में बढ़ाया जाएगा. इसके लिए राज्यों को चार रिफॉर्म भी करने होंगे.
बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज से जुड़ी पांचवीं और आखिरी चरण की घोषणाएं कीं. वित्त मंत्री ने कहा कि पीएम मोदी ने कहा था कि आपदा को अवसर में बदलने की जरूरत है. उसी के अनुसार इस आर्थिक पैकेज को तैयार किया गया है. वित्त मंत्री ने बताया कि आर्थिक पैकेज में लैंड, लेबर, लॉ, लिक्विडिटी पर जोर दिया गया है.
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