जम्मू कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला (Farooq Abdullah) की 11.86 करोड़ की संपत्ति को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय ( Enforcement Directorate) द्वारा कुर्क (Attach) किया गया है, यह केस जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन (JKCA) से जुड़ा है. एजेंसी के सूत्रों ने शनिवार को यह जानकारी दी.
वित्तीय अपराधों की जांच करने वाली एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय जम्मू-कश्मीर क्रिकेट निकाय से जुड़े धन-शोधन (money laundering case) के आरोपों की जांच कर रही है. सीबीआई ने 2002-11 के बीच 43.69 करोड़ रुपये की कथित हेराफेरी के लिए 2018 में नेशनल कॉन्फ्रेंस के सांसद अब्दुल्ला और तीन अन्य के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था.
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अब्दुल्ला, जिनसे अक्टूबर में इस मामले को लेकर श्रीनगर में दो बार पूछताछ की गई थी और लेकिन उनकी पार्टी इस जांच को 83 साल के नेता के हालिया कदम के साथ जोड़ रही है जिसमें उन्होंने जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा बहाल करने के लिए सभी पार्टियों को एक साथ लाने का अभियान शुरू किया है. नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रवक्ता ने कहा, "प्रवर्तन निदेशालय का पत्र गुप्कर घोषणा के बाद आया. कश्मीर में 'पीपुल्स अलायंस' बनने के बाद यह स्पष्ट राजनीतिक प्रतिशोध है."
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पार्टी ने कहा, "हमें पता था कि यह आ रहा है," यह कहते हुए कि केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा अपनी एजेंसियों का उपयोग नए राजनीतिक गठन से लड़ने के लिए कर रही थी क्योंकि यह "इससे राजनीतिक रूप से नहीं लड़ सकती थी"
नेशनल कॉन्फ्रेंस ने कहा, “यह एक कीमत है जब भाजपा की विचारधारा और विभाजनकारी राजनीति का विरोध किया जाता है. हालिया इतिहास इस बात का गवाह है कि कैसे देश भर में विपक्षी नेताओं को निशाना बनाने के लिए भाजपा विभिन्न विभागों के माध्यम से जबरदस्ती और डराने-धमकाने के उपायों को अंजाम दे रही है. हाल ही में ईडी ने फारूक अब्दुल्ला को समन जारी किया है."
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पिछले साल अब्दुल्ला को जुलाई में जांच एजेंसी द्वारा समन किया गया था, वो भी 5 अगस्त से कुछ दिन पहले जब केंद्र ने अनुच्छेद 370 के तहत दिया जम्मू और कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त करके इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया था. इसके बाद फारूक अब्दुल्ला, उनके बेटे उमर अब्दुल्ला और उनके प्रतिद्वंद्वी-सहयोगी महबूबा मुफ्ती - सभी पूर्व मुख्यमंत्री, उस समय हिरासत में लिए गए राजनेताओं में से थे.
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