जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला.
नई दिल्ली:
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने अयोध्या में राम मंदिर को लेकर एक बड़ा बयान दिया है. फारूक अब्दुल्ला ने सोमवार को कहा कि जब भगवान राम पूरे विश्व के और सर्वव्यापी हैं तो फिर अयोध्या में ही राम मंदिर क्यों बनाना है? फारूक अब्दुल्ला ने कांग्रेस नेता मनीष तिवारी की किताब के विमोचन समारोह में यह बात कही. वहां पर एक चर्चा के दौरान उन्होंने कहा, 'जब भगवान राम पूरी दुनिया के हैं और हर जगह विराजमन हैं तो आप अयोध्या में ही राम मंदिर क्यों बनाना चाहते हैं?' अब्दुल्ला की इस टिप्पणी पर वहां मौजूद जदयू नेता पवन वर्मा ने तुरंत प्रतिक्रिया दी और पूछा कि 'अयोध्या में राम मंदिर क्यों नहीं बना सकते?' वर्मा ने पूछा कि अयोध्या भगवान राम का जन्मस्थल, ऐसे में हिंदू वहां मंदिर बनाना चाहते हैं तो क्यों नहीं बनाया जाना चाहिए?
वर्मा ने कहा, 'अगर हिंदू वहां मंदिर चाहते हैं तो उन्हें बनाने दें. सवाल यह नहीं है कि क्या मंदिर बनाया जाना चाहिए? सवाल यह है कि मंदिर कैसे बनाया जाएगा- बल से, हिंसा से, आपसी समझौते से या फिर कोर्ट के आदेश से.'
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इस पर अब्दुल्ला ने वर्मा से सवाल किया कि क्या वे सुप्रीम कोर्ट का आदेश मानेंगे?. साथ ही उन्होंने कहा, 'बिहार के सीतामढ़ी में माता सीता का मंदिर क्यों नहीं बनाते. सभी मुस्लिमों का कहना है कि वह कोर्ट के आदेश को मानने को तैयार हैं.' इस पर वर्मा ने कहा कि 'अब हम एग्रीमेंट में हैं.'
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पांच राज्यों में चल रहे विधानसभा चुनाव से पहले अयोध्या में राम मंदिर का मुद्दा एक बार फिर उठाया गया है. 25 नवंबर को शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने अयोध्या पहुंचकर रामलला के दर्शन किए. अयोध्या में ठाकरे ने राम मंदिर को लेकर पीएम मोदी और भाजपा सरकार पर निशाना साधा. इसके साथ ही उन्होंने राम मंदिर के लिए अध्यादेश लाने की बात कही. इसके अलावा विश्व हिंदू परिषद ने इसी दिन अयोध्या में 'धर्म संसद' का आयोजन किया गया. इसमें शामिल होने के लिए पूरे देश से संत पहुंचे थे. इन संतों की भी मांग अयोध्या में राम मंदिर बनाने की थी.
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वर्मा ने कहा, 'अगर हिंदू वहां मंदिर चाहते हैं तो उन्हें बनाने दें. सवाल यह नहीं है कि क्या मंदिर बनाया जाना चाहिए? सवाल यह है कि मंदिर कैसे बनाया जाएगा- बल से, हिंसा से, आपसी समझौते से या फिर कोर्ट के आदेश से.'
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