कृषि कानूनों को लेकर किसानों का आंदोलन लंबे समय से चल रहा है. किसान आंदोलन (Kisan Andolan) को धार देने के लिए किसान संगठन किसान महापंचायत कर रहे हैं. इस पर केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान (Sanjeev Balyan) ने कहा कि कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन (Farmers' Protest) ने राजनीतिक रूप ले लिया है. बालियान ने कहा, "पूरा मुद्दा राजनीतिक हो गया है. उत्तर प्रदेश और पंजाब में किसान बीजेपी के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे, लेकिन वे हरियाणा में विरोध नहीं करेंगे क्योंकि वहां कोई चुनाव नहीं होना है. समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोक दल जैसी पार्टियां रैलियों में संसाधन मुहैया करा रही हैं." उन्होंने कहा कि किसानों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि विपक्षी दल उनका इस्तेमाल अपने राजनीतिक एजेंडे के लिए न करें.
सरकार और किसानों के बीच वार्ता पर बालियान ने कहा, "हम भी चाहते हैं कि किसानों से बातचीत शुरू हो और किसानों के वास्तविक मुद्दों पर चर्चा हो. किसान यहां से खाली हाथ न जाए. कृषि कानूनों को रद्द करने पर अड़े रहने के बजाये किसानों को वो कानून में वो संसोधन कराने चाहिए, जो वे चाहते हैं."
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बीजेपी के भाग्य का फैसला जनता के हाथ में है. उन्होंने कहा, "हमारा भाग्य जनता के हाथों में है. जब लोग प्रदर्शन में दूसरी पार्टियों का झंडा देखेंगे तो समझ जाएंगे कि क्या चल रहा है." उत्तर प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं.
केंद्र द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ रविवार को मुजफ्फरनगर में 'किसान महापंचायत' का आयोजन किया गया. इसमें घोषणा की गई कि किसान आगामी विधानसभा चुनावों में भाजपा के खिलाफ प्रचार करेंगे. महापंचायत में विभिन्न राजनीतिक दलों की भागीदारी देखी गई.
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