कृषि सुधार कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन को 170 से ज्यादा दिन हो चुके हैं. इस बीच किसानों ने विरोध में कई रैलियां और सभाएं की हैं. अब अगली तैयारी रेल रोको आंदोलन की है. किसान संगठनों ने घोषणा की है कि 18 तारीख को देशभर में हजारों किसान रेल पटरियों पर बैठेंगे.
ऑल इंडिया किसान सभा के महासचिव हन्नान मुल्ला ने सोमवार को NDTV से बातचीत में कहा कि किसान 18 तारीख को शांतिपूर्ण आंदोलन करेंगे. उन्होंने कहा, 'रेल रोको आंदोलन भारत के इतिहास में कोई नया आंदोलन नहीं है. यह भी विरोध का एक तरीका है. ये सबकी नजरें खींचता है. सरकार से लेकर देशवासियों तक का. हम यह आंदोलन शांतिपूर्ण ढंग से करेंगे. हमने कल मसाल जुलूस भी पूरे देश में निकाला.'
उन्होंने कहा कि '18 तारीख को हज़ारों किसान दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे तक रेल पटरी पर बैठेंगे.' उन्होंने आरोप लगाया कि किसानों की बात कोई नहीं सुन रहा है, जबकि किसान लगातार खुदकुशी कर रहे हैं. मुल्ला ने कहा, 'हमारे 240 लोग अब तक मर चुके, कोई बात नहीं सुन रहा है. रोज हर दो घंटे में दो किसान खुदकुशी कर रहे हैं. हम सबको खिलाते हैं. हम बिना खाए मर रहे हैं. कोई देखने वाला नहीं है.'
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उन्होंने कहा कि '15 दिन पुरानी घोषणा है. अचानक नहीं है. लोगों को तकलीफ़ होगी पर उनसे ज़्यादा तकलीफ हमारी है. हमने शुरू से कहा आंदोलन शांतिपूर्ण होगा तो हम जीतेंगे. अशांति होगी तो मोदी जीतेंगे.'
किसान नेता ने गणतंत्र दिवस पर किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा को सरकारी साजिश बताया. बता दें कि 26 जनवरी के मौके पर बड़ी संख्या में किसान संगठनों ने दिल्ली में ट्रैक्टर रैली निकाली थी, लेकिन इस दौरान प्रदर्शनकारियों की भीड़ बेकाबू हो गई थी और हिंसा हुई थी. घटना में 300 से ज्यादा पुलिसकर्मियों के घायल होने की जानकारी सामने आई थी.
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