यह ख़बर 11 नवंबर, 2014 को प्रकाशित हुई थी

भट्टा परसोल की तरह सलारपुर के किसान दे रहे आंदोलन की धमकी

नई दिल्ली:

भट्टा परसोल में किसानों का विरोध प्रदर्शन आज लोगों के जहन में है। यहां अपनी जमीन के लिए सड़कों पर उतरे किसानों का आंदोलन हिंसक हो उठा था। अब इसी इलाके के सलारपुर में एक बार फिर विरोध सुलगने लगा है, जहां ढाई सौ से भी ज्यादा किसान नाइंसाफी को लेकर आवाज बुलंद कर रहे हैं।

अब यहां के युवा आग लगाने कि बात करते हैं। उनका कहना है कि अगर उनके साथ अन्याय हुआ तो आग लगा देंगे। वे धमकी भी देते हैं कि भट्टा परसोल जैसा करना पड़ जाएगा।

जमीन गंवा चुके बेरोजगार और लाचार नौजवान गुस्से में हैं। आधा अधूरा मुआवजा पाए राजकुमार ने खेतों में गेहूं बोया है
ताकि फसल आएगी तो घर चलेगा। आने वाले दिनों में हालात और बिगड़ने कि बात कहते हैं।

मायादेवी को इस बात की फिक्र है कि कहीं जमीन बिल्डर न हड़प लें और कहीं बेंच दिया तो बच्चे सारे पैसे उड़ा देंगे। लिहाजा, खेत के बाड़े में ही रहती हैं।

दूसरी तरफ यमुना एक्सप्रेसवे प्राधिकरण की दलील है कि जबतक उसके खिलाफ कोर्ट में चल रहे, सारे केस वापस नहीं लिए जाते, मुआवजे की बढ़ी 64 रकम का भुगतान नहीं किया जाएगा।

यमुना एक्सप्रेस औद्योगिक विकास प्राधिकरण के सीईओ पी सी गुप्ता ने कहा है कि जब तक किसान अपने मुकदमे वापस नहीं लेते तब तक 64 फीसदी बढ़ा मुआवजा नहीं दिया जाएगा।

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

किसानों के साथ हो रही नाइंसाफी को देखते हुए पिछली यूपीए सरकार ने जमीन अधिग्रहण कानून में संशोधन भी किए थे। पर जमीन की लड़ाई में उसके असली हक़दार जमीन पर ही कमजोर पड़ रहे हैं।