गांधी जंयती (Gandhi Jayanti) के अवसर पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) से लेकर तमाम नेता गांधी जी की समाधि स्थल पर श्रद्धांजलि देने राजघाट पहुंच रहे हैं. वहीं वहां से कुछ किलोमीटर दूर दिल्ली की तमाम सीमाओं पर पिछले 10 महीनों से बैठे किसान भी पूरे दिन का उपवास रखे हुए हैं. किसानों का कहना है कि वो गांधी जी के द्वारा दिखाए रास्ते पर चलकर तीनों कृषि कानूनों को रद्द कराएंगे. कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमाओं पर बैठे किसानों ने आज उपवास रखा है. उनका यह उपवास धान खरीद में देरी और कृषि कानूनों के विरोध में है.
दिल्ली बॉर्डर पर बैठे किसानों ने गांधी जयंती पर उपवास रखा है. उनका यह उपवास धान खरीद में देरी को लेकर है. किसानों का उपवास सुबह 10 बजे से लेकर शाम 5 बजे तक चलेगा.
हाल ही में केंद्र सरकार पंजाब और हरियाणा में खरीफ धान की खरीद 11 अक्टूबर तक के लिए स्थगित कर दी थी क्योंकि हाल ही में हुई भारी बारिश के कारण फसल पकने में देरी हुई है. पंजाब में वर्ष 2021-22 के खरीफ विपणन सत्र के लिए धान की खरीद एक अक्टूबर से शुरू होनी थी. पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने इस मामले में ट्वीट करके प्रधानमंत्री मोदी से हस्तक्षेप करने की मांग की थी ताकि धान खरीद प्रक्रिया को फिर से शुरू किया जा सके. कई विपक्षी नेता भी सरकार से धान खरीद को टालने के फैसले को वापस लेने की मांग की है.
केंद्रीय खाद्य मंत्रालय ने बयान में कहा था, ‘‘यह बताया गया है कि पंजाब और हरियाणा में हाल ही में हुई भारी बारिश के कारण धान के पकने में देरी हुई है. किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए और उन्हें किसी भी असुविधा से बचाने के लिए, मंत्रालय ने फैसला किया है कि इन दोनों राज्यों में न्यूनतम समर्थन मूल्य के तहत धान की खरीद 11 अक्टूबर से शुरू होगी.
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