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This Article is From Oct 04, 2017

सूखे से ज्यादा सरकार को इस बात की फिक्र, टीकमगढ़ में कांग्रेसियों ने किया प्रदर्शन या किसानों ने!

मध्यप्रदेश के टीकमगढ़ जिले में आंदोलनकारी किसानों पर पुलिस ने लाठियां भांजी. आरोप यह भी है कि कुछ किसानों को थाने ले जाकर उनके कपड़े उतरवाए गए और फिर उनकी पिटाई की गई. वहीं सरकार का कहना है कि प्रदर्शनकारी किसान नहीं कांग्रेस के कार्यकर्ता थे.

सूखे से ज्यादा सरकार को इस बात की फिक्र, टीकमगढ़ में कांग्रेसियों ने किया प्रदर्शन या किसानों ने!
मध्यप्रदेश के टीकमगढ़ जिले में आंदोलनकारी किसानों पर पुलिस ने लाठियां भांजी.
भोपाल: मध्यप्रदेश के टीकमगढ़ जिले में आंदोलनकारी किसानों पर पुलिस ने लाठियां भांजी. आरोप यह भी है कि कुछ किसानों को थाने ले जाकर उनके कपड़े उतरवाए गए और फिर उनकी पिटाई की गई. वहीं सरकार का कहना है कि प्रदर्शनकारी किसान नहीं कांग्रेस के कार्यकर्ता थे. कांग्रेस के कई बड़े नेता टीकमगढ़ में 'किसान बचाओ-खेत बचाओ' आंदोलन के तहत कलेक्ट्रेट का घेराव करने पहुंचे थे. जहां देखते ही देखते आंदोलन ने उग्र रूप ले लिया. कलेक्ट्रेट परिसर के बाहर प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने पहले आंसू गैस छोड़ी गई और फिर लाठीचार्ज हुआ. किसानों के कपड़े उतरवाकर उनकी पिटाई का आरोप भी पुलिस पर लगा है.

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कलेक्टर को ज्ञापन देन पर अड़े थे किसान
मंगलवार को कांग्रेस ने टीकमगढ़ में खेत बचाओ-किसान बचाओ आंदोलन आयोजित किया था. कांग्रेस नेता और किसान कलेक्टर को ज्ञापन देने की बात पर अड़े थे, लेकिन कलेक्टर अभिजीत अग्रवाल 45 मिनट तक अपने दफ्तर ने नीचे नहीं उतरे. इस दौरान हालात लगातार बिगड़ते चले गए. देखते ही देखते पत्थरबाजी शुरू हो गई और पुलिस ने किसानों पर लाठीचार्ज शुरू कर दिया. आरोप है कि आंदोलन खत्म होने के बाद जब किसान वापस लौट रहे थे तब देहात पुलिस ने कुछ किसानों को रोका. उन्हें थाने ले गए. उनके कपड़े उतारे और जमकर पिटाई की.

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सरकार 'पेट में लात और सीने में गोली मारती' है
मध्यप्रदेश यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष कुणाल चौधरी ने कहा भाजपा सरकार किसानों को फसलों के दाम मांगने पर 'पेट में लात और सीने में गोली मारती' है. किसान कलेक्टर के रवैये से नाराज़ हुए. उन्होंने कलेक्टर को जल्द से जल्द निलंबित किए जाने की मांग की. वहीं गृहमंत्रालय और खुद मुख्यमंत्री का कहना है कि पहले प्रदर्शनकारियों ने पथराव शुरू किया. इससे कई पुलिसवाले घायल हुए. कपड़े उतरवाने की बात को उन्होंने नकार दिया. उन्होंने यह भी कहा कि प्रदर्शन में किसान नहीं बल्कि कांग्रेस कार्यकर्ता शामिल थे.गृहमंत्री भूपेन्द्र सिंह ने पुलिस महानिदेशक से जांच करके तीन दिनों के भीतर पूरी रिपोर्ट सौंपने को कहा है. 

VIDEO:मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ में किसानों पर लाठीचार्ज

पिछले 16 सालों में 21000 किसानों ने खुदकुशी की
आंदोलन के अगुवा नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह थे. मंदसौर के बाद किसानों के नाम पर कांग्रेस सरकार से फ्रंटफुट पर लड़ाई लड़ती दिख रही है. पिछले 16 सालों में मध्यप्रदेश में 21000 किसान खुदकुशी कर चुके हैं. राज्य के 51 ज़िलों में 29 सूखे की चपेट में हैं. इसमें बुंदेलखंड के हालात बहुत बुरे हैं. ऐसे में सरकार भावांतर भुवन योजना, नेगेटिव ब्याज जैसे कई ऐलान कर रही है, लेकिन ऐसे आंदोलनों से साफ है कि किसान को राहत नहीं मिल रही है. वो अपने हुक्मरानों से बहुत नाराज हैं.

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