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This Article is From May 15, 2020

मुजफ्फरनगर हादसे में मारे बिहारी मजदूरों के परिवार का बुरा हाल, सदमें में डूबे परिजन

यूपी के मुजफ्फरनगर में रोडवेज बस से गोपालगंज के छह मजदूरों की कुचलकर मौत होने की खबर से परिजनों में कोहराम मचा है.

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मुजफ्फरनगर हादसे में मारे बिहारी मजदूरों के परिवार का बुरा हाल, सदमें में डूबे परिजन
मुजफ्फरनगर में मारे गए मजदूरों के परिजन
पटना:

यूपी के मुजफ्फरनगर में रोडवेज बस से गोपालगंज के छह मजदूरों की कुचलकर मौत होने की खबर से परिजनों में कोहराम मचा है. इस हादसे में किसी परिवार ने पिता-पुत्र खोया, तो किसी का सुहाग उजड़ गया. हर तरफ चीख-पुकार मची है. हादसे में जान गंवानेवाले प्रवासी मजदूर ऐसे परिवार के रहनेवाले हैं, जिनके यहां दो वक्त के खाने को भी लाले पड़े रहते हैं. कर्ज चुकाने के लिए तो कोई बीमार पत्नी की इलाज कराने के लिए कमाने अपनी गांव की मिट्टी को छोड़कर मीलो दूर हरियाणा के यमुनानगर में प्लाइ फैक्ट्री में काम करने के लिए निकले थे.

निर्दयी लॉकडाउन ने उनका काम छिन लिया. जिसके बाद परिवार की पेट को कौन पूछे, अपना पेट भी भरना मुश्किल हो गया. जैसे-तैसे पैदल घर लौटने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन मुजफ्फरनगर में रोडवेज की बस ने 10 लोगों को कुचल दिया. मौके पर ही छह मजदूरों की मौत हो गयी, जबकि चार अन्य अस्पताल में जीवन और मौत के बीच संघर्ष कर रहे हैं. 


गोपालगंज के फुलवरिया थाने के दुलालपुर मलाही टोला के 42 वर्षीय हरेश सहनी और उसके पुत्र 22 वर्षीय विकास सहनी की मौत हादसे में हो चुकी है. जबकि हरेश का दूसरा बेटा घायल होकर अस्पताल में भर्ती है. परिजनों का कहना है कि बीमार पत्नी सीमा देवी को इलाज कराने और कर्ज का पैसा चुकाने के लिए हरेश अपने दोनों बेटों के साथ बाहर कमाने गये थे. लेकिन ऊपरवाले को कुछ और ही मंजूर था. यूपी के मुजफ्फरनगर में रोडवेज बस से हादसा हुआ और पिता-पुत्र की मौत हो गयी. 

उनकी पत्नी कहती है, "हमारे पति हरेश सहनी और बड़े पुत्र विकास सहनी की मौत हो गयी. दोनों कमाने के लिए बाहर गये थे. लॉकडाउन की वजह से ट्रक से घर आ रहे थे, तो रास्ते में ही ट्रक उतार दिया. यूपी में बस कुचलकर भाग गयी. परिवार में छोटे-छोटे बच्चे हैं. गरीब परिवार से है, पहले से तीन लाख रुपये कर्ज है. अब बेटी की शादी करनी है. हम बीमार है."

यूपी के मुजफ्फरनगर में हुए हादसे के बाद मौत के मुंह से निकल गोपालगंज भोरे के निवासी  चश्मदीद रूदल सहनी ने एक वीडियो भेजकर बिहारी मजदूरों से भेदभाव करने का आरोप लगाया. चश्मदीद ने कहा कि यमुनानगर से आने के दौरान रात होने पर एक आश्रम में रूका. लेकिन, आश्रम में पहुंचे प्रशासन ने कहा कि यूपी के मजदूर रह सकते हैं, बिहार के मजदूर जाना चाहते हैं तो जा सकते हैं. हम सभी लोग निकल गये. बीच में पुलिस वालों ने सहयोग दिया और चाय पिलाने के बाद एक गाड़ी में बैठा दिया. मुजफ्फरनगर तक आने के बाद पैदल जाने लगे. इस दौरान पीछे से लाइट बंद कर आ रहे बस ने 10 लोगों को कुचल दिया. जिसमें 6 लोगों की स्पॉट पर ही मौत हो गयी. चार लोगों का इलाज चल रहा है. 

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