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This Article is From Aug 03, 2020

वैज्ञानिकों ने दी खुशखबरी..दिल्‍ली, मुंबई, चेन्‍नई में कोविड-19 की R-value गिरी, जानें इसके मायने

कोविड-19 की आर-वैल्यू यानी रि-प्रोडक्टिव वैल्यू में दिल्ली, मुंबई और चेन्नई में गिरावट आयी है. यह दर्शाती है कि देश के तीन बड़े शहरों में इस महामारी का कहर थमने की राह पर है.

वैज्ञानिकों ने दी खुशखबरी..दिल्‍ली, मुंबई, चेन्‍नई में कोविड-19 की R-value गिरी, जानें इसके मायने
कोरोना वायरस महामारी के चलते पूरे देश में लॉकडाउन लागू करना पड़ा था (प्रतीकात्‍मक फोटो)
नई दिल्ली:

Coronavirus Pandemic: कोरोना वायरस को लेकर हाल ही में सामने आए एक अध्ययन में पता चला है कि कोविड-19 की आर-वैल्यू यानी रि-प्रोडक्टिव वैल्यू (R-value) में दिल्ली (Delhi), मुंबई (Mumbai) और चेन्नई (Chennai) में गिरावट आयी है. यह दर्शाती है कि देश के तीन बड़े शहरों में इस महामारी का कहर थमने की राह पर है. हालांकि, विशेषज्ञों ने इसके साथ चेतावनी भी दी है कि इस स्तर पर आकर अगर लापरवाही की गई तो संक्रमण फिर से बढ़ सकता है. इस बीच, ‘स्टैटिस्टिक्स एंड एप्लिकेशंस' पत्रिका में प्रकाशित ताजा आर-वैल्यू कुछ इस प्रकार हैं... दिल्ली में यह 0.66, मुंबई में 0.81 और चेन्नई में 0.86 है जो राष्ट्रीय औसत 1.16 से काफी कम है. 

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आर-वैल्यू का अर्थ है, एक संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आकर औसतन संक्रमित होने वाले लोगों की संख्या. फिलहाल देश में सबसे ज्यादा आर-वैल्यू 1.48 आंध्रप्रदेश की है. दिल्ली के यह 0.66 है. आर-वैल्यू को और बेहतर तरीके से समझाते हुए इस अध्ययन का नेतृत्व करने वाली चेन्नई के गणितीय विज्ञान संस्थान में भौतिकी की प्रोफेसर सीताभ्रा सिन्हा ने बताया, इसका अर्थ है कि राष्ट्रीय राजधानी में कोरोना वायरस से संक्रमित किन्हीं 100 लोगों का समूह औसतन 60 लोगों को यह संक्रमण दे सकता है. भारतीय विज्ञान शिक्षा एंव अनुसंधान संस्थान, कोलकाता में भौतिकी के प्रोफेसर दिव्येन्दु नंदी ने कहा, ‘‘समुदाय में आर-वैल्यू का इतना कम बने रहने का अर्थ है कि महामारी का मौजूदा कहर थम रहा है और इसे नियंत्रित करने वाले उपायों की मदद से निकट भविष्य में काबू किया जा सकता है.'' उन्होंने बताया कि सामान्य तरीके से समझें तो, अगर आर-वैल्यू एक से कम है तो इसका सीधा मतलब है कि एक संक्रमित व्यक्ति ज्यादा से ज्यादा एक अन्य व्यक्ति को संक्रमित कर रहा है. महामारी के ‘पूर्ण उन्मूलन' तक फिलहाल जारी पाबंदियों को लागू रखने पर जोर देते हुए नंदी ने कहा, ‘‘हमें अपनी सावधानी नहीं छोड़नी चाहिए.''

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हरियाणा के अशोक विश्वविद्यालय में प्रोफेसर गौतम मेनन ने कहा, सामान्य भाषा में कहें तो आर-वैल्यू इसकी गिनती करता है कि औसतन कितने लोग एक संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से बीमारी का शिकार हो सकते हैं. उनका मानना है कि रोजाना के आंकड़ों के विश्लेषण के अनुसार, दिल्ली, चेन्नई, मुंबई में यह दिख रहा है कि महामारी का कहर थमने लगा है. मेनन का कहना है कि शहरों में हो रहे सीरो-सर्वे से पता चलता है कि मुंबई और दिल्ली के करीब 40 प्रतिशत या उससे ज्यादा निवासी इस वायरस से संक्रमित हो चुके हैं. मेनन ने कहा, ‘‘दूसरे देशों से हमने जो देखा/सीखा है, उससे पता चला है कि समुदाय के स्तर पर किसी बीमारी विशेष के प्रति रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित होने के लिए आबादी के कम से कम 20 प्रतिशत का संक्रमित होना आवश्यक है.''

उन्होंने कहा, ‘‘ऐसे में, यह सच है कि कहर थम रहा है, लेकिन अगर हम सतर्क नहीं रहे और एहतियात छोड़ा तो यह फिर बढ़ सकता है.'' दिल्ली में रविवार को कोविड-19 के 961 नए मामले आने के साथ ही अभी तक कोरोना वायरस से संक्रमित हुए लोगों की संख्या बढ़कर 1,37,677 हो गयी है. इनमें से कुल 1,23,317 लोग इलाज के बाद संक्रमण मुक्त हो चुके हैं. शहर में एक दिन में सबसे ज्यादा 23 जून को 3,947 नए मामले सामने आए थे. मुंबई शहर में रविवार को 1,105 नए मामले आए हैं. शहर में अभी तक 1,16,436 लोगों के संक्रमित होने की पुष्टि हो गई है. शहर में पिछले दो महीने में एक दिन में सबसे कम 717 नए मामले 28 जुलाई को आए. चेन्नई में आज 1,065 नए मामले सामने आए हैं.

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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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