नई दिल्ली:
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने सोमवार को दिल्ली के कई नामी कॉलेजों में छापेमारी की और वहां बिहार और मध्यप्रदेश से दाखिला लेने वाले सारे छात्रों की जानकारी ली। इस मामले में गिरफ्तार चार आरोपियों रंचित,सुनील,प्रवीण और जुबेर को पुलिस फर्जी दस्तावेजों की तस्दीक कराने के लिए साथ में ले गई थी।
क्राइम ब्रांच के ज्वाइंट कमिश्नर रवींद्र यादव के मुताबिक दो अलग-अलग टीमें बनाई गईं थीं। एक साउथ कैंपस और दूसरी नार्थ कैंपस के कॉलेजों में पड़ताल करने के लिए पहुंची।
दिल्ली पुलिस की टीमों ने कुल 8 कॉलेजों में जाकर पड़ताल की, जिनमें हिंदू, किरोड़ीमल जैसे नामी कॉलेजों के अलावा अरविंदो,दयाल सिंह, रामलाल, भगत सिंह और कमला नेहरू कॉलेज शामिल हैं। कई कॉलेजों के कर्मचारी भी शक के दायरे में हैं।
पुलिस के मुताबिक अभी तक की जांच में पता चला है कि यह गिरोह 4 साल से फर्जी एडमिशन के गोरखधंधे में था। अब तक 25 से ज्यादा दाखिले के मामले सामने आए हैं। आशंका है कि गिरोह ने 100 से ज्यादा फर्जी दाखिले कराए हैं और एक छात्र से 5 से 10 लाख रुपये वसूले गए।
पुलिस के मुताबिक आरोपी दाखिले के लिए न सिर्फ 12 वीं की फर्जी मार्कशीट तैयार करते थे, बल्कि उन्होंने मध्य प्रदेश और बिहार शिक्षा बोर्ड की फर्जी वेबसाइट भी बना रखी थीं, ताकि जांच के दौरान मिलान करने पर दस्तावेज सही पाए जाएं। पुलिस दाखिला लेने वाले छात्रों पर भी कार्रवाई करेगी।
हिंदू कॉलेज के प्रोफेसर ईश तिवारी का कहना है कि इस तरह का मामला हायर एजुकेशन के लिए बहुत ही खतरनाक है। जिस तरह से फर्जी एडमिशन के मामले सामने आ रहे हैं, उससे मध्य प्रदेश के व्यापम की याद आती है। इस मामले का मुख्य आरोपी इंद्रजीत उर्फ काकू और सहयोगी हिमांशु अब तक फरार है।
क्राइम ब्रांच के ज्वाइंट कमिश्नर रवींद्र यादव के मुताबिक दो अलग-अलग टीमें बनाई गईं थीं। एक साउथ कैंपस और दूसरी नार्थ कैंपस के कॉलेजों में पड़ताल करने के लिए पहुंची।
दिल्ली पुलिस की टीमों ने कुल 8 कॉलेजों में जाकर पड़ताल की, जिनमें हिंदू, किरोड़ीमल जैसे नामी कॉलेजों के अलावा अरविंदो,दयाल सिंह, रामलाल, भगत सिंह और कमला नेहरू कॉलेज शामिल हैं। कई कॉलेजों के कर्मचारी भी शक के दायरे में हैं।
पुलिस के मुताबिक अभी तक की जांच में पता चला है कि यह गिरोह 4 साल से फर्जी एडमिशन के गोरखधंधे में था। अब तक 25 से ज्यादा दाखिले के मामले सामने आए हैं। आशंका है कि गिरोह ने 100 से ज्यादा फर्जी दाखिले कराए हैं और एक छात्र से 5 से 10 लाख रुपये वसूले गए।
पुलिस के मुताबिक आरोपी दाखिले के लिए न सिर्फ 12 वीं की फर्जी मार्कशीट तैयार करते थे, बल्कि उन्होंने मध्य प्रदेश और बिहार शिक्षा बोर्ड की फर्जी वेबसाइट भी बना रखी थीं, ताकि जांच के दौरान मिलान करने पर दस्तावेज सही पाए जाएं। पुलिस दाखिला लेने वाले छात्रों पर भी कार्रवाई करेगी।
हिंदू कॉलेज के प्रोफेसर ईश तिवारी का कहना है कि इस तरह का मामला हायर एजुकेशन के लिए बहुत ही खतरनाक है। जिस तरह से फर्जी एडमिशन के मामले सामने आ रहे हैं, उससे मध्य प्रदेश के व्यापम की याद आती है। इस मामले का मुख्य आरोपी इंद्रजीत उर्फ काकू और सहयोगी हिमांशु अब तक फरार है।
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