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This Article is From Jan 06, 2016

पठानकोट हमले का मास्टरमाइंड मसूद अजहर, आतंकियों को पाक में एयरबेस पर मिली ट्रेनिंग : सूत्र

पठानकोट हमले का मास्टरमाइंड मसूद अजहर, आतंकियों को पाक में एयरबेस पर मिली ट्रेनिंग : सूत्र
पठानकोट हमला : जैश का सरगना मसूद अजहर अटैक का मास्टरमाइंड
नई दिल्ली:

टॉप सूत्र से मिली जानकारी को मानें तो पठानकोट वायुसेना कमान में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत-पाक के बीच 15 जनवरी को होने वाली विदेश सचिव स्‍तर की बातचीत टल सकती है। भारत का कहना है कि पाकिस्‍तान आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई करे, तभी बात बनेगी। यह बातचीत इस्‍लामाबाद में होनी थी। पठानकोट हमले से जुड़े सबूत पाकिस्तान को भारत की ओर से दे दिए गए हैं और कहा गया है कि सबूतों पर पाकिस्तान ठोस कार्रवाई करे, इसी के बाद बातचीत होगी।

हमले का मास्टरमाइंड है जैश का सरगना मसूद
टॉप सूत्र से मिली जानकारी के मुताबिक, जैश का सरगना मसूद अजहर इस पूरे हमले का मास्टरमाइंड है। पाक में बैठे हैंडलर पठानकोट में आतंकियों को निर्देश दे रहे थे। सूत्रों का कहना है कि किसी एयरबेस पर ले जाकर आतंकियों को सबकुछ सिखाया गया ताकि पठानकोट में आतंकियों को अजीब न लगे और वे ऑपरेशन को सही से अंजाम दे सकें।

पाक एयरबेस पर दी गई पूरी ट्रेनिंग
सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तान के चकलाला और लायलपुर एयरबेस पर ट्रेनिंग दी गई हो सकती है। इन आतंकियों की पूरी कोशिश यह थी कि दोनों देशों के बीच होने वाली बातचीत को डीरेल किया जाए। सूत्रों के मुताबिक, हैंडलर बहावलपुर, सियालकोट और शकरगढ़ में थे। आतंकी एयरबेस के बारे में काफ़ी जानकारी रखते थे। आतंकी एल्युमिनियम पाउडर के साथ भी आए थे। आग लगाने के लिए एल्युमिनियम पाउडर के साथ आए थे। आतंकियों के पास एयरबेस पर हमले के लिए हथियार भी थे।

आतंकियों के ख़िलाफ़ कामयाब कार्रवाई
सूत्र से मिली जानकारी के मुताबिक, आतंकियों के ख़िलाफ़ सुरक्षा बलों ने की सटीक और तेज़ कामयाब कार्रवाई की गई। कमांड और कंट्रोल कोई कन्फ़्यूज़न नहीं था। थलसेनाध्यक्ष जनरल दलबीर सुहाग के साथ मिलकर प्लैन बनाया गया। सबसे वरिष्ठ फौजी कमांडर के हाथ में कमान दी गई थी। सबसे वरिष्ठ फौजी कमांडर के हाथ में कमान दी गई थी। NSG के IG मेजर जनरल दुष्यंत सिंह के हाथ में कमान दी गई थी। मेजर जनरल दुष्यंत सिंह पहले इस इलाके में रह चुके हैं। NSG में सारे कमांडो फौज के ही थे। NSG को आतंकी हमलों से निपटने की पूरी ट्रेनिंग दी गई थी। सेना की नौ कॉलम को ऑपरेशन में लगाया गया।

जिंदा पकडने का प्लान था..
आतंकियों को ज़िंदा पकड़ने का भी प्लान था। सेना ने आतंकियों को एक छोटे से इलाके में सीमित कर दिया था। यह ऑपरेशन 2 जनवरी की सुबह 3:35 पर ऑपरेशन शुरू हुआ और 3 जनवरी की दोपहर 1:30 पर आतंकी मार गिराए गए। सेना ने एयरबेस के फाइटर जेट, एम्युनिशन डिपो कामयाबी से बचाए।

आतंकियों की मौत के बाद भी 29 धमाके
आतंकियों की मौत के बाद भी 29 धमाके हुए हैं। हमलावर मुंबई से ज़्यादा तैयारी के साथ आए थे। उनके पास बहुत बड़ी मात्रा में आधुनिक हथियार और विस्फोटक थे। ऑपरेशन के दौरान पूरी कमान सेना के हाथों में रही। सेना की नौ टुकड़ियां, एनएसजी और वायुसेना के गरुड़ कमांडो साथ थे। इस पूरे ऑपरेशन में सेना ने आम लोगों की जान जोख़िम में नहीं डाली और कार्रवाई में सिर्फ एक मौत हुई। उन्होंने अपने रणनीतिक ठिकानों की पूरी सुरक्षा करते हुए 6 आतंकियों को 250 मीटर के दायरे पर रोके रखा।

यहां बता दें कि 15 जनवरी को तयशुदा इस वार्ता के जरिए दोनों देशों के विदेश सचिव बातचीत को आगे बढ़ाने के लिए रूपरेखा बनाते...। लेकिन, अब, सूत्रों की मानें तो पठानकोट में हमले के बाद भारत इस्लामाबाद में होने वाली विदेश सचिव स्तरीय वार्ता के संबंध में ‘विकल्पों पर विचार’ कर रहा है।

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