कांग्रेस (Congress) की कमलनाथ सरकार (Kamal Nath Government) से बगावत करने वाले विधायकों ने विधानसभा में केंद्रीय बल की सुरक्षा की मांग की है. उन्होंने इस बारे में विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखे हैं. इन पत्रों को लेकर विधानसभा सचिवालय की ओर से मध्यप्रदेश पुलिस के महानिदेशक को पत्र लिखा गया है. डीजीपी से केंद्रीय सुरक्षा बल का इंतजाम करने के लिए कहा गया है. विधानसभा अध्यक्ष नर्मदा प्रसाद प्रजापति ने गुरुवार को बागी विधायकों से शुक्रवार और शनिवार को उनके सामने पेश होने को कहा था. इसके लिए इन विधायकों को नोटिस भेजे गए हैं.
मध्यप्रदेश विधानसभा के संचालक सुरक्षा ने पत्र में कहा गया है कि विधानसभा अध्यक्ष द्वारा त्यागपत्र की पुष्टि करने के लिए विधायकों को विधानसभा सचिवालय में 13 मार्च को आमंत्रित किया गया है, लेकिन विधायकों ने अध्यक्ष को भेजे गए पत्र में सुरक्षा के लिए केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) की मांग की है. संचालक ने डीजीपी को लिखे गए पत्र मे 22 विधायकों द्वारा लिखे गए पत्रों के मुताबिक केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की व्यवस्था करने के लिए कहा है.
इससे पहले मध्यप्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष नर्मदा प्रसाद प्रजापति ने गुरुवार को कांग्रेस के इस्तीफा देने वाले 22 विधायकों में से 13 को नोटिस जारी किया था. उन्हें शुक्रवार और शनिवार को उनके सामने पेश होने को कहा गया है. विधानसभा के प्रिंसिपल सेक्रेटरी एपी सिंह ने इसकी पुष्टि की. उन्होंने कहा कि विधायकों से उपस्थित होकर यह स्पष्ट करने के लिए कहा गया है कि उन्होंने इस्तीफा स्वेच्छा से दिया है या किसी दबाव के कारण दिया है.
दिल्ली में 'ऑपरेशन मध्य प्रदेश' की देख-रेख कर रहे भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेताओं को पूरा भरोसा है कि राज्य में कांग्रेस की कमलनाथ सरकार अब चंद दिनों की मेहमान है. बीजेपी के इन नेताओं का दावा है कि कांग्रेस के बागी विधायकों की संख्या 22 से बढ़कर जल्द ही 26 हो जाएगी.
गौरतलब है, कुछ दिन पहले तक मध्यप्रदेश की तीन राज्यसभा सीटों में से दो कांग्रेस और एक बीजेपी के खाते में जाना तय माना जा रहा था, लेकिन कांग्रेस में ज्योतिरादित्य सिंधिया खेमे की बग़ावत ने कांग्रेस के सारे समीकरण गड़बड़ा दिए हैं. गुरुवार को कांग्रेस की ओर से दिग्विजय सिंह ने पर्चा भरा और बीजेपी से ज्योतिरादित्य सिंधिया ने नमांकन किया. डॉ सुमेर सिंह सोलंकी भी बीजेपी के उम्मीदवार हैं. बीजेपी नेताओं का दावा है कि दोनों उम्मीदवारों को आसानी से जीत मिलेगी, जिसमें बागी विधायक बड़ी भूमिका निभा सकते हैं.
बीजेपी नेताओं का यह भी कहना है कि कमलनाथ सरकार अब अल्पमत में आ चुकी है, इसलिए 16 मार्च से शुरू होने जा रहे विधानसभा सत्र में राज्यपाल के अभिभाषण अथवा बजट का कोई अर्थ नहीं बचा है. इनके मुताबिक, अब विधानसभा सत्र का एक ही एजेंडा होना चाहिए कि या तो कमलनाथ सरकार विश्वासमत हासिल करे या फिर इस्तीफा दे.
VIDEO : कांग्रेस के विधायक जयपुर रवाना
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