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This Article is From Sep 24, 2018

पूर्व IPS संजीव भट्ट की पत्‍नी के आरोपों पर SC ने गुजरात सरकार से मांगा जवाब, याचिका में कहा- वकालतनामा भी साइन करने नहीं दे रही पुलिस

गुजरात के पूर्व IPS संजीव भट्ट की पत्नी ने गुजरात सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा गंभीर आरोपों पर गुजरात जवाब दे. कोर्ट ने कहा कि संजीव भट्ट की पत्नी द्वारा लगाए गए आरोप बेहद गंभीर है.

पूर्व IPS संजीव भट्ट की पत्‍नी के आरोपों पर SC ने गुजरात सरकार से मांगा जवाब, याचिका में कहा- वकालतनामा भी साइन करने नहीं दे रही पुलिस
गुजरात के पूर्व IPS संजीव भट्ट की पत्नी ने गुजरात सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं
नई दिल्ली: गुजरात के पूर्व IPS संजीव भट्ट की पत्नी ने गुजरात सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा गंभीर आरोपों पर गुजरात जवाब दे. कोर्ट ने कहा कि संजीव भट्ट की पत्नी द्वारा लगाए गए आरोप बेहद गंभीर है. कोर्ट को सबसे पहले इन पर गुजरात सरकार से जवाब चाहिए. अगर किसी नागरिक की पत्नी इस तरह के आरोप लगाती है तो राज्य सरकार को बताना होगा कि क्या चल रहा है. गुजरात सरकार शुक्रवार तक जवाब दाखिल करेगी और इस मामले की अगली सुनवाई चार अक्‍टूबर को होगी. 

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सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस रंजन गोगोई व जस्टिस नवीन सिन्हा की बेंच ने ये भी कहा है कि आमतौर पर आरोपी खुद कोर्ट आते हैं लेकिन यहां आरोपी की पत्नी आई है. कोर्ट ने कहा कि हम यहां केस की मेरिट पर सुनवाई नहीं कर रहे हैं. संजीव भट्ट की पत्नी श्वेता भट्ट ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा है कि उनके पति इस वक्त पुलिस रिमांड पर है और उन्हें पुलिस इस दौरान ना तो वकालतनामा साइन करने दे रही है और ना ही इस केस को कोर्ट में चुनौती देने दे रही है. फिलहाल भट्ट 22 साल पुराने NDPS केस में पुलिस हिरासत में है. हालांकि याचिका में और कई मांग भी की गई है जिसमें मामले की SIT से जांच, पुलिस हिरासत के खिलाफ याचिका और FIR को रद्द करने संबंधी याचिका शामिल है. 

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पूर्व आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट को गुजरात सीआईडी ने 22 साल पुराने एक मामले में गिरफ्तार किया है. पूर्व आईपीएस अधिकारी और 7 अन्य को 22 साल पहले कथित तौर पर मादक पदार्थ रखने के मामले में एक व्यक्ति की गिरफ्तारी के संबंध में पूछताछ करने के लिए पहले हिरासत में लिया गया था. भट्ट 1996 में बनासकांठा जिले के पुलिस अधीक्षक थे. मामले की जानकारी के अनुसार भट्ट के नेतृत्व में बनासकांठा पुलिस ने वकील सुमेर सिंह राजपुरोहित को करीब एक किलोग्राम मादक पदार्थ रखने के आरोप में 1996 में गिरफ्तार किया था. उस समय बनासकांठा पुलिस ने दावा किया था कि मादक पदार्थ जिले के पालनपुर में होटल के उस कमरे से मिला था जिसमें राजपुरोहित ठहरे थे. राजस्थान पुलिस की जांच में खुलासा किया गया था कि राजपुरोहित को इस मामले में बनासकांठा पुलिस ने कथित तौर पर झूठे तौर फंसाया था ताकि उसे इसके लिए बाध्य किया जा सके कि वह राजस्थान के पाली स्थित अपनी विवादित संपत्ति हस्तांतरित करे.

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