बैंक से लोन मामले में ICICI बैंक की पूर्व कार्यकारी प्रमुख चंदा कोचर और वीडियोकॉन के मैनेजिंग डायरेक्टर वेनुगोपाल धूत के घर और दफ्तर पर प्रवर्तन निदेशालय ने धाबा बोला है. कर्ज़ से जुड़े मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) शुक्रवार को ICICI बैंक की पूर्व प्रमुख चंदा कोचर और वीडियोकॉन प्रमुख वेणुगोपाल धूत के घरों की तलाशी ले रहा है.
केंद्रीय जांच ब्यूरो यानी सीबीआई ने आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व सीईओ चंदा कोचर, उनके पति दीपक कोचर और विडियोकॉन ग्रुप के एमडी वेणुगोपाल धूत के खिलाफ एक नोटिस जारी कर उनके विदेश जाने पर रोक लगा दी है. अधिकारियों ने बताया कि चंदा कोचर, दीपक कोचर और धूत के खिलाफ मामला दर्ज होने के एक हफ्ते बाद लुक आउट नोटिस जारी करने का कदम उठाया गया है. उन्होंने बताया कि यह कदम इसलिए उठाया गया है ताकि विडियोकॉन ग्रुप के लिए 1875 करोड़ रूपये के कर्ज को मंजूरी देने में कथित भ्रष्टाचार के मामले में आरोपी देश छोड़कर भाग नहीं पाएं.
लुकआउट नोटिस सीधे आव्रजन विभाग को भेजा जाता है औऱ उसमें जिस शख्स को रोका जाना होता है उसके बारे में जानकारी देते हुए निर्देश दिए जाते हैं. एजेंसी से अनुरोध मिलने पर आव्रजन अधिकारी व्यक्ति को हिरासत में भी ले सकते हैं.
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने शराब कारोबारी विजय माल्या के खिलाफ जारी लुक आउट नोटिस में बदलाव कर दिया था. इसके बाद माल्या 2016 में ब्रिटेन भाग गया था. उन्होंने बताया कि बयान दर्ज कराने के लिए चंदा कोचर के खिलाफ अभी समन जारी नहीं किया गया है। आरोप है कि चंदा कोचर के कार्यकाल में विडियोकॉन ग्रुप और उससे संबद्ध कंपनियों के लिए 1875 करोड़ रूपये के छह लोन को मंजूरी दी गयी. इसमें से दो मामलों में वह मंजूरी देने वाली कमेटी में खुद भी थीं.
सीबीआई द्वारा दर्ज मामले में बैंकिग उद्योग से जुड़े कई शीर्ष व्यक्तियों के नाम शामिल हैं। इन पर आरोप हैं कि वे सभी मंजूरी देने वाली समिति के सदस्य थे और इनकी भूमिका की जांच की जानी चाहिए.
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