नई दिल्ली:
आज़ादी के 65 साल बाद भी बेबस महिलाओं की पिटाई जारी है। ये कठोर टिप्पणी सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने की। पंजाब के तरन तारन में एक दलित महिला की पुलिसकर्मियों द्वारा पिटाई और पटना में विरोध कर रहे स्कूल टीचरों के मामले का ज़िक्र करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने ये टिप्पणी की।
सुप्रीम कोर्ट ने ख़ुद इन मामलों की सुनवाई करते हुए बिहार और पंजाब के प्रमुख सचिवों और पुलिस प्रमुखों से रिपोर्ट मांगी थी।
सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्य सरकारों को एक नोटिस जारी कर पूछा कि 2006 के सुप्रीम कोर्ट के एक फ़ैसले के मुताबिक पुलिस सुधारों को लागू करने के लिए क्या किया गया है। पुलिस भर्ती में खामियों पर टिप्पणी करते हुए कोर्ट ने ये भी कहा कि समस्या की जड़ पुलिस की भर्ती में है, सब जानते हैं कि पुलिस भर्ती में किन बाहरी बातों का ख्याल रखा जाता है।
सुप्रीम कोर्ट ने ख़ुद इन मामलों की सुनवाई करते हुए बिहार और पंजाब के प्रमुख सचिवों और पुलिस प्रमुखों से रिपोर्ट मांगी थी।
सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्य सरकारों को एक नोटिस जारी कर पूछा कि 2006 के सुप्रीम कोर्ट के एक फ़ैसले के मुताबिक पुलिस सुधारों को लागू करने के लिए क्या किया गया है। पुलिस भर्ती में खामियों पर टिप्पणी करते हुए कोर्ट ने ये भी कहा कि समस्या की जड़ पुलिस की भर्ती में है, सब जानते हैं कि पुलिस भर्ती में किन बाहरी बातों का ख्याल रखा जाता है।
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