केंद्र सरकार ने गुरुवार को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कहा कि कोविड-19 के क्लीनिकल उपचार में उपयोग होने वाली आठ महत्वपूर्ण दवाओं का पर्याप्त भंडारण सुनिश्चित करें और उन्हें सलाह दी कि मामलों में बढ़ोतरी की आशंका के मद्देनजर अस्पतालों की तैयारियों की समीक्षा करें. ओमिक्रॉन स्वरूप के लिए जन स्वास्थ्य तैयारियों और टीकाकरण की प्रगति की वीडियो कांफ्रेंस से समीक्षा करते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य सचिवों और एनएचएम के एमडी से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि सभी अस्पतालों में वेंटिलेटर, पीएसए संयंत्र और ऑक्सीजन सांद्रक सुचारू रूप से काम कर रहे हों.
स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया, ‘‘राज्यों को सूचित किया गया कि केंद्र द्वारा दिए गए कई वेंटिलेटरों की अभी तक पैकिंग नहीं खोली गई है और उनका इस्तेमाल नहीं किया गया है.'' स्वास्थ्य मंत्रालय ने बयान में कहा, ‘‘इसकी तुरंत समीक्षा करने की जरूरत है ताकि सुनिश्चित किया जा सके कि सभी पीएसए ऑक्सीजन संयंत्र, ऑक्सीजन सांद्रक और वेंटिलेटर लगाए जाएं और वे काम करें.'' कोविड-19 और इसके स्वरूपों पर समय पर नियंत्रण करने के लिए पांच स्तरीय रणनीति बनाई गई है जिसमें जांच करना, पता लगाना, उपचार करना, टीकाकरण करना और कोविड उपयुक्त व्यवहार करना शामिल है.
बयान में कहा गया कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कहा गया है कि जांच बढ़ाएं और निगरानी पर ध्यान दें ताकि संदिग्धों की जल्द पहचान हो सके और उन्हें अलग-थलग किया जा सके. उन्हें सलाह दी गई कि सभी जिलों में आरटी-पीसीआर जांच की उपलब्धता सुनिश्चित करें. बयान में बताया गया कि ठंड के मौसम को देखते हुए उन्हें सलाह दी गई कि इन्फ्लुएंजा जैसी बीमारी, श्वसन संबंधी बीमारी पर नजर रखने की जरूरत है. मामलों में अगर बढ़ोतरी होती है तो सभी अस्पतालों में सुविधाओं की तैयारियां सुनिश्चित करने के लिए राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों को सलाह दी गई कि वे गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने के लिए तैयार रहें.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं