प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने आज उन लोगों के खिलाफ बड़े पैमाने पर कार्रवाई शुरू की है, जो इस साल कोविड-19 की लहर के दौरान वैक्सीन की जमाखोरी और कालाबाजारी में लिप्त थे. ईडी की टीमें कोलकाता शहर में दस अलग-अलग स्थानों पर छापेमारी कर रही है. ईडी ने इस साल कोविड से संबंधित छह अलग-अलग मामले दर्ज किए थे. इनमें दवाओं और वैक्सीन की जमाखोरी, कालाबाजारी या नकली दवाओं की आपूर्ति के मामले शामिल थे.
ईडी ने इस काले कारोबार से मनी लॉन्ड्रिंग में लिप्त या मदद करने वाले कई लोगों को अब तक तलब किया है और उनसे पूछताछ की है.
ईडी की आज की अहम कार्रवाई में सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि देबंजन देब (जिन्होंने केएमसी में नकली IAS अधिकारी के रूप में खुद को पेश किया) और उनके सहयोगियों द्वारा चलाए जा रहे नकली वैक्सीन रैकेट पर कार्रवाई की गई है. इन लोगों ने नकली टीके लगाकर निर्दोष लोगों को धोखा दिया था और कई लोगों की जान जोखिम में डाली थी.
अन्य मामलों में दूसरी लहर के वक्त एमआरपी से अधिक कीमतों पर रेमडेसिविर की आपूर्ति करके मुनाफाखोरी करना, ऑक्सीजन सिलेंडर और दूसरी कोविड राहत सामग्री की जमाखोरी और कालाबाजारी, नकली और नकली आवश्यक उपकरण जैसे ऑक्सीमीटर की आपूर्ति करना शामिल है.
ईडी ने कहा है कि छापेमारी से कोविड राहत सामग्री की कालाबाजारी और उससे जुड़े अपराध से अर्जित आय से संबंधित आपत्तिजनक दस्तावेजों को बरामद करने की उम्मीद है.
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