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This Article is From May 19, 2013

छत्तीसगढ़ में मुठभेड़, एक जवान शहीद, आठ ग्रामीणों की मौत

बीजापुर/रायपुर: छत्तीसगढ़ के गंगालूर थाना क्षेत्र के एड़समेटा गांव में शनिवार रात पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई जिसमें कोबरा बटालियन का एक जवान शहीद हो गया, जबकि तीन नाबालिग बच्चों सहित आठ ग्रामीण मारे गए। घटना के बाद से गांव के 22 ग्रामीण लापता बताए जा रहे हैं। मुठभेड़ की न्यायिक जांच कराने की घोषणा की गई है।

राज्य सरकार ने न्यायमूर्ति वीके अग्रवाल की अध्यक्षता में कथित मुठभेड़ की न्यायिक जांच कराने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री रमन सिंह ने रविवार को अपने निवास पर बैठक की और न्यायायिक जांच की घोषणा के साथ-साथ मुठभेड़ में मारे गए लोगों के परिजनों को 5-5 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की।

उधर, कांग्रेस ने मुठभेड़ की सीबीआई से जांच कराने की मांग करते हुए अपनी ओर से जांच के लिए कोंटा विधायक कवासी लखमा के नेतृत्व में पांच सदस्यीय टीम का गठन किया है।

कांग्रेस नेता और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने कहा कि आम नागरिकों की हत्या यह दर्शाती है कि रमन सरकार आदिवासियों की रक्षा करने में पूर्णत: असफल है। प्रदेश में इस तरह का नरसंहार आम हो गया है। प्रदेश की वर्तमान सरकार संवेदनहीन है और उसे आदिवासियों की जान से ज्यादा पुन: सत्ता हासिल करने के लिए थोथी विकास यात्राओं से फुरसत नहीं है।

देश के प्रख्यात सामाजिक कार्यकर्ता स्वामी अग्निवेश ने वीएनएस से बातचीत में कहा कि वे मंगलवार को जेनेवा जा रहे हैं और वहां वे संयुक्त राष्ट्र को इस घटनाक्रम से अवगत कराएंगे। देशभर के मानववादी संगठनों ने भी इस घटना की तीव्र निंदा करते हुए उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।

शहीद जवान के पार्थिव शरीर को पोस्टमार्टम कराने के बाद उनके गृह ग्राम भेज दिया गया है। घटनास्थल से बरामद कथित नक्सली के शव को भी पोस्टमार्टम के बाद परिजनों के हवाले कर दिया गया है।

विदित हो कि इसके पूर्व भी सारकेगुड़ा में हुई कथित मुठभेड़ में बच्चों सहित 17 ग्रामीणों की मौत हो गई थी। उस घटना के बाद राज्य में नरसंहार के नाम पर भूचाल आ गया था। एड़समेटा की इस घटना ने सारकेगुड़ा की घटना की याद को ताजा कर दिया है।

इस घटना के बाद गंगालूर थाना पहुंचे एड़समेटा के ग्रामीणों ने मीडिया को बताया कि वे सभी गांव के देवगुड़ी में बीज त्योहार मनाने के लिए शिकार के बाद एकत्र हुए थे। पुलिस ने उन पर हमला कर आठ ग्रामीणों को गोलियों से भून दिया है।

आधिकारिक जानकारी के अनुसार, शनिवार रात गंगालूर से कोबरा बटालियन 208 के जवान व छत्तीसगढ़ पुलिस का संयुक्त दल गश्त के लिए निकला था। डीएसपी नक्सल आपरेशन अशोक सिंह ने बताया कि इसी दौरान एड़समेटा में नक्सलियों के साथ जवानों की मुठभेड़ हो गई जिसमें कोबरा बटालियन के जवान उत्तर प्रदेश के वाराणसी निवासी देव प्रकाश शहीद हो गए। साथ ही कुछ नक्सलियों के मारे जाने की जानकारी मिली है। एक नक्सली का शव बरामद कर गंगालूर थाना लाया गया है।

इसके विपरीत गंगालूर पहुंचे ग्रामीण लच्छु कारम ने बताया कि शनिवार शाम शिकार से लौटने के बाद सभी ग्रामीण गांव के देवगुड़ी में बीज त्योहार मनाने के लिए जमा हुए थे। इसी दौरान रात को तकरीबन 10 बजे पुलिस वहां पहुंची और बैठे हुए ग्रामीणों पर गोलियां चलानी शुरू कर दी। ग्रामीण हड़बड़ाकर इधर-उधर भागने लगे। पुलिस की गोली से तीन बच्चों सहित आठ ग्रामीणों की मौत हो गई है। उनके शव गांव में ही रखे हुए हैं।

मारे गए ग्रामीणों में गुडूकारम (10), पाण्डू कारम (45), बहादुर (12), जोगा कारम (40), कारम चोमू (52), पूनेम सोनू (40), पूनेम लखमा (15 वर्ष), कारम मासा (50) शामिल हैं।

पुलिस ने गांव से तीन ग्रामीणों कारम आयतु, कारम लच्छु, व कारम मंगू को गिरफ्तार किया है। इसके अलावा गांव के 22 ग्रामीणों के लापता होने की खबर है।

मृतकों के परिजनों का आरोप है कि इस घटना में मारे गए ग्रामीणों का नक्सलियों से कोई सरोकार नहीं है, वे सभी निर्दोष हैं।

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