सुप्रीम कोर्ट ने बिजली कंपनी GVK के खिलाफ कठोर कदम उठाने पर दो हफ्ते के लिए रोक लगाते हुए कंपनी को फिलहाल के लिए बड़ी राहत दी है. सुप्रीम कोर्ट ने पावर कंपनी GVK पावर (गोइंदवाल साहिब) को अपनी याचिका पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के सामने ले जाने को कहा है. GVK ने पंजाब राज्य विद्युत निगम लिमिटेड के साथ बिजली खरीद समझौते को खत्म करने के आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल की थी. CJI एनवी रमना, जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस हिमा कोहली की पीठ ने GVK को हाईकोर्ट जाने के आदेश के साथ ही पंजाब की विभिन्न प्राधिकरण को भी निर्देश दिया कि GVK के खिलाफ दो हफ्ते तक किसी भी तरह की कार्रवाई नहीं की जाए.
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GVK की ओर से वरिष्ठ वकील और पूर्व एएसजी मनिंदर सिंह ने कहा कि कई प्राधिकरण उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की धमकी दे रही हैं. इस बात की परवाह किए बिना कि हमने सर्वोच्च न्यायालय में इंसाफ की गुहार लगा रखी है, उनकी कार्रवाई अनुचित है.
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CJI ने पंजाब सरकार और पावर कॉरपोरेशन से पूछा कि ऐसी कार्रवाई क्यों की जा रही है? इस पर पंजाब सरकार के वकील पी चिदंबरम ने कहा कि याचिकाकर्ता वैकल्पिक उपाय के तौर पर हाईकोर्ट क्यों नहीं जाते? इसके बाद ही कोर्ट ने GVK को दो हफ्ते का संरक्षण देते हुए हाइकोर्ट जाने की इजाजत दे दी.
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