चुनाव आयोग की फाइल फोटो
नई दिल्ली:
चुनाव आयोग (ईसी) की स्वायत्तता के मामले में सुप्रीम कोर्ट में ईसी ने हलफ़नामा दाखिल किया है. आयोग ने कहा कि चुनाव संबंधी नियम बनाने के अधिकार आयोग को मिलें. अभी सरकार नियम तय करती है. आयोग ने कहा कि ज़्यादा स्वायत्तता की गुहार तो 2010 से लगा रहे हैं.
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सुप्रीम कोर्ट में चुनाव आयोग ने कहा कि तीनों आयुक्तों को समान अधिकार मिले, यानी CEC के अधिकार बाकी दोनों को भी हों. जरूरत पड़ने पर आयुक्तों को भी हटाने के लिए महाभियोग की प्रक्रिया अपनाई जाए और परमानेंट स्वतंत्र सचिवालय हो.
चुनाव आयोग ने चुनाव सुधार और आयोग के अधिकारों में इजाफे को लेकर विधि आयोग की 1999 से लेकर अब तक की सिफारिशों का भी हवाला हलफनामे में दिया है. आयोग में स्वायत्ता की याचिका पर 19 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था. AG ने कहा कि इस मुद्दे पर सरकार का पक्ष कुछ अलग है. वो AG के तौर पर कोर्ट की मदद कर सकते हैं.
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सुप्रीम कोर्ट चुनाव आयोग से जुड़ी एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रहा है. याचिका में कहा गया है कि मुख्य निवार्चन आयुक्तों और निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति के लिए निष्पक्ष और पारदर्शी प्रक्रिया होनी चाहिए. याचिका में हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए स्वतंत्र प्रक्रिया का हवाला देते हुए कहा है कि भारत निर्वाचन आयोग में मुख्य निर्वाचन आयुक्तों और निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति के लिए भी ऐसी ही प्रक्रिया होनी चाहिए.
साथ ही उनके लिए सचिवालय हो और लोकसभा राज्यसभा की तर्ज पर फंड हो. चुनाव आयुक्तों को हटाने की प्रक्रिया भी मुख्य चुनाव आयुक्त की तरह हो. CEC को सिर्फ महाभियोग के जरिए हटाया जा सकता है.
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सुप्रीम कोर्ट में चुनाव आयोग ने कहा कि तीनों आयुक्तों को समान अधिकार मिले, यानी CEC के अधिकार बाकी दोनों को भी हों. जरूरत पड़ने पर आयुक्तों को भी हटाने के लिए महाभियोग की प्रक्रिया अपनाई जाए और परमानेंट स्वतंत्र सचिवालय हो.
चुनाव आयोग ने चुनाव सुधार और आयोग के अधिकारों में इजाफे को लेकर विधि आयोग की 1999 से लेकर अब तक की सिफारिशों का भी हवाला हलफनामे में दिया है. आयोग में स्वायत्ता की याचिका पर 19 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था. AG ने कहा कि इस मुद्दे पर सरकार का पक्ष कुछ अलग है. वो AG के तौर पर कोर्ट की मदद कर सकते हैं.
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साथ ही उनके लिए सचिवालय हो और लोकसभा राज्यसभा की तर्ज पर फंड हो. चुनाव आयुक्तों को हटाने की प्रक्रिया भी मुख्य चुनाव आयुक्त की तरह हो. CEC को सिर्फ महाभियोग के जरिए हटाया जा सकता है.
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