प्राइम टाइम पर बांदा और महोबा के पौधारोपण की हकीकत दिखाने का असर दिखने लगा है. पहले तो शुक्रवार को खबर आई कि रातों रात पौधे लगने शुरू हो गए हैं. अब यूपी के मुख्य सचिव ने सभी कमिश्नर, जिलाधिकारी और वनअधिकारियों को निर्देश जारी किये हैं. निर्देश के अनुसार 22 करोड़ रोपित पौधों को जीवित रखने के लिए साल में दो बार निराई करने के निर्देश दिए गए हैं. साथ ही गर्मी पौधों की नियमित सिंचाई और मल्चिंग कराई जाए. पौधों को बचाने के लिए तारबंदी और ट्री गार्ड लगाए जाएं. रोपित पौधों के जीवित न रहने के कारण पता करके दोबारा पौधे लगाए जाएं. पौधों के ऊपर सभी ग्राम पंचायतों की महीने में एक बार बैठक हो. हर जिले के मुख्य विकास अधिकारी पौधारोपण की सफलता की रिपोर्ट प्रभागीय वन अधिकारी को देंगे. पौधारोपण की सफलता के लिए जिला स्तर पर वित्तीय मदद, CSR, मिनरल डेवलेपमेंट फंड का उपयोग करें. हर ग्राम सभा 3 महीने में एक बार रोपित पौधों का सोशल ऑडिट कराएगा.
NDTV की खबर का असर: महोबा में रातों रात लगने लगे पौधे
गौरतलब है कि महोबा बस स्टैंड में फर्श को तोड़कर लगाए पौधे गायब मिले थे और उस जगह को लोग पान के पीकदान के तौर पर इस्तेमाल कर रहे थे. लेकिन खबर दिखाने के बाद रातों रात इन जगहों पर तीन तीन फीट के पौधे रोप दिए गए. सूत्रों के मुताबिक NDTV पर खबर दिखाए जाने के बाद बांदा और महोबा में पौधारोपण की जांच करने के लिए लखनऊ से पौधारोपण परियोजना कोर्डिनेटर विभाष रंजन की टीम बांदा पहुंची है.
वन विभाग से जुड़े अधिकारियों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया था कि प्राइम टाइम में दिखाए गए शांति उपवन में भी रातों रात नए पौधे रोपने की तैयारी हो चुकी है. इसी तरह बांदा में बहादुरपुर गड्डिहा में हजारों पौधे रोपे गए थे लेकिन मौके पर ज्यादातर पौधे सूखते मिले.
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