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This Article is From Nov 15, 2015

हिमाचल के सीएम वीरभद्र सिंह के खिलाफ ईडी ने दर्ज किया मनी लॉन्ड्रिंग का केस

हिमाचल के सीएम वीरभद्र सिंह के खिलाफ ईडी ने दर्ज किया मनी लॉन्ड्रिंग का केस
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की फाइल फोटो
नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के खिलाफ धनशोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) का एक मामला दर्ज किया है, जिससे उनके लिए एक नई समस्या पैदा हो गई है। एजेंसी ने सितंबर में सीबीआई द्वारा धनशोधन के संदर्भ में दायर आपराधिक शिकायत का संज्ञान लेते हुए यह मामला दर्ज किया। मामला धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत दर्ज किया गया है। सूत्रों ने कहा कि इस मामले को प्रवर्तन निदेशालय का दिल्ली स्थित कार्यालय देखेगा और इसके लिए एजेंसी के शिमला स्थित मुख्यालय से मदद ली जाएगी।

एजेंसी के हाथ कुछ अहम दस्तावेज
एजेंसी के सूत्रों ने बताया कि जांचकर्ताओं ने जांच के लिए कुछ 'महत्वपूर्ण' दस्तावेज एकत्र किए हैं। उन्होंने कथित तौर पर सिंह और उनके सहयोगियों द्वारा तथाकथित अवैध धन का इस्तेमाल कर अंजाम दिए गए 'अपराधों की पद्धति' की पहचान की है। ईडी के जांचकर्ता जल्दी ही सिंह और उनके अन्य सहयोगियों से पूछताछ भी कर सकते हैं।

एजेंसी इस आरोप की जांच पर भी काम करेगी कि सिंह और उनके परिवार के सदस्यों ने सिंह के केंद्रीय इस्पात मंत्री रहने के दौरान वर्ष 2009-11 के बीच 6.1 करोड़ रुपये की संपत्ति जमा की। यह संपत्ति उनके ज्ञात स्रोतों से होने वाली आय से कहीं अधिक थी। एक सूत्र ने बताया, 'जांच के एक उचित चरण में पहुंच जाने के बाद ईडी संपत्ति की कुर्की के लिए भी तय कार्रवाई करेगा।'

वीरभद्र की पत्नी भी जांच के घेरे में
सीबीआई की एफआईआर में वीरभद्र सिंह, उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह, एलआईसी एजेंट आनंद चौहान और चौहान के भाई सीएल चौहान को नामजद किया गया था। इन लोगों पर भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम के तहत आरोप तय किए गए थे। सीबीआई को शक है कि वर्ष 2009-11 के दौरान सिंह ने कथित तौर पर 6.1 करोड़ रुपये एलआईसी की पॉलिसियों में निवेश किए। उन्होंने यह निवेश अपने और अपने परिवार के सदस्यों के नाम पर एलआईसी एजेंट चौहान की मदद से किया। उन्होंने यह दावा किया था कि उन्हें यह आय खेती से हुई है।

सीबीआई ने आरोप लगाया कि वीरभद्र सिंह ने वर्ष 2012 में संशोधित आयकर रिटर्न दाखिल करके इस आय को खेती से होने वाली आय के रूप में वैध शक्ल देने की कोशिश की थी। सीबीआई ने आरोप लगाया था, 'उन्होंने संशोधित आईटीआर में खेती से होने वाली जिस आय का दावा किया था, वह उचित नहीं पाया गया। तत्कालीन केंद्रीय मंत्री ने कथित तौर पर आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति से इतर संपत्ति जुटाई थी।' सीबीआई ने एफआईआर दर्ज करने के बाद सिंह और उनके परिवार के विभिन्न परिसरों पर तलाशी भी ली थी। कांग्रेस पार्टी ने इस कार्रवाई को 'बेहद प्रतिशोधात्मक' बताया था।

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