ईडी ने मुंबई के रियल एस्टेट समूह, फिल्म ऐक्टर-प्रोड्यूसर की 410 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क

तेलुगु और हिंदी फिल्मों में अभिनय कर चुके जोशी जेएमजे ग्रुप प्रमोटर और कारोबारी जे एम जोशी के बेटे हैं. जे एम जोशी का गुटखा एवं पान मसाला उत्पादन एवं आतिथ्य-सत्कार से जुड़ा कारोबार हैं. सचिन जोशी ने कुछ फिल्मों का निर्माण भी किया है.

ईडी ने मुंबई के रियल एस्टेट समूह, फिल्म ऐक्टर-प्रोड्यूसर की 410 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क

सचिन जोशी को पिछले साल सितंबर में उच्चतम न्यायालय ने चार महीने की अस्थायी जमानत दे दी थी 

मुंबई:

प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement directorate) ने मुंबई स्थित एक रियल्टी समूह ओमकार रियल्टर्स (Omkar Realtors) और अभिनेता-निर्माता सचिन जोशी की एक कंपनी के करीब 410 करोड़ रुपये मूल्य के फ्लैट एवं भूखंड धनशोधन रोधी कानून (Anti-Money Laundering Law) के तहत कुर्क किए हैं. तेलुगु और हिंदी फिल्मों में अभिनय कर चुके जोशी जेएमजे ग्रुप प्रमोटर और कारोबारी जे एम जोशी के बेटे हैं. जे एम जोशी का गुटखा एवं पान मसाला उत्पादन एवं आतिथ्य-सत्कार से जुड़ा कारोबार हैं. सचिन जोशी ने कुछ फिल्मों का निर्माण भी किया है.

निदेशालय ने एक बयान में बताया कि मुंबई के वर्ली में स्थित ओमकार ग्रुप की ओमकार 1973 इमारत के टावर सी में (लगभग) 330 करोड़ रुपये मूल्य के फ्लैट और सचिन जोशी से जुड़ी एक कंपनी के पुणे के विराम में स्थित (लगभग) 80 करोड़ रुपये कीमत के एक भूखंड को कुर्क करने के लिए धनशोधन रोधी कानून (पीएमएलए) के तहत प्रारंभिक आदेश जारी किए गए है.

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एजेंसी ने कहा, ‘‘410 करोड़ रुपये में से, 330 करोड़ रुपये की राशि का ओमकार समूह की इमारत के जरिए शोधन किया गया और 80 करोड़ रुपये (लगभग) की राशि का सचिन जोशी और उनके वाइकिंग समूह की कंपनियों के माध्यम से सेवाओं और निवेश की आड़ में शोधन किया गया.'' निदेशालय ने पिछले साल जनवरी में इन प्रतिष्ठानों पर छापा मारा था और मार्च में आरोप पत्र दाखिल किया था, जिसमें ओमकार रियल्टर्स एंड डेवलपर्स के अध्यक्ष कमल किशोर गुप्ता (62), इसके प्रबंध निदेशक बाबूलाल वर्मा (51) और सचिन जोशी (37) एवं उनकी कंपनियों के नाम शामिल थे. निदेशालय ने तीनों को पिछले साल गिरफ्तार किया था.

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जोशी को पिछले साल सितंबर में उच्चतम न्यायालय ने चार महीने की अस्थायी जमानत दे दी थी और दो अन्य लोग न्यायिक हिरासत में हैं. केंद्रीय एजेंसी का मामला गुप्ता और वर्मा के खिलाफ औरंगाबाद पुलिस द्वारा 2020 में दर्ज प्राथमिकी पर आधारित है, जिसमें ‘आनंद नगर झुग्गी बस्ती पुनर्वास प्राधिकार'' के पुनर्विकास के लिए यस बैंक से लिए गए 410 करोड़ रुपये के ऋण को लेकर धोखाधड़ी करने और इस धन का इस्तेमाल किसी और काम के लिए करने का आरेाप लगाया है.

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