
प्रतीकात्मक तस्वीर.
नई दिल्ली:
Earthquake: उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के बाद दिल्ली सहित समूचे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र(एनसीआर) में भूकंप के झटके महसूस किए गए. यह झटके सुबह छह बजकर 28 मिनट पर आए. अमेरिका के जियोलॉजिकल सर्वे ने भी इसकी पुष्टि की. एनसीआर में पिछले 24 घंटे में दूसरी बार भूकंप के झटके आए हैं. हालांकि कहीं से जान-माल के नुकसान की खबर नहीं है. इससे पहले रविवार( नौ सितंबर) को शाम चार बजकर 37 मिनट पर हरियाणा के झज्जर जिले में झटके महसूस किए गए थे, जिसकी तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 3.8 आंकी गई थी. दिल्ली भूकंप के लिहाज से बेहद संवेदनशील माना जाता है.कई बार एनसीआर में झटके लग चुके हैं, मगर भूकंप से बचाव के लिए सरकारी स्तर से न जनजागरूकता अभियान धरातल पर दिख रहे हैं और न आपदा प्रबंधन से अन्य जानकारियां.
भूकंप आए तो बरतें सावधानीः भूकंप आने के बाद बरती गईं सावधानियां आपकी जान बचा सकतीं हैं. यदि आप घर से बाहर हैं तो ऊंची इमारतों, बिजली के खंभों आदि से दूर रहें. जब तक झटके खत्म न हों, बाहर ही रहें. चलती गाड़ी में होने पर जल्द गाड़ी रोक लें और गाड़ी में ही बैठे रहें. ऐसे पुल या सड़क पर जाने से बचें, जिन्हें भूकंप से नुकसान पहुंचा हो. भूकंप आने के वक्त यदि आप घर में हैं तो फर्श पर बैठ जाएं. मज़बूत टेबल या किसी फर्नीचर के नीचे पनाह लें. टेबल न होने पर हाथ से चेहरे और सिर को ढक लें. घर के किसी कोने में चले जाएं और कांच, खिड़कियों, दरवाज़ों और दीवारों से दूर रहें. बिस्तर पर हैं तो लेटे रहें, तकिये से सिर ढक लें. आसपास भारी फर्नीचर हो तो उससे दूर रहें.
लिफ्ट का इस्तेमाल करने से बचें, पेंडुलम की तरह हिलकर दीवार से टकरा सकती है लिफ्ट और बिजली जाने से भी रुक सकती है लिफ्ट. कमज़ोर सीढ़ियों का इस्तेमाल न करें, आमतौर पर इमारतों में बनी सीढ़ियां मज़बूत नहीं होतीं. झटके आने तक घर के अंदर ही रहें और झटके रुकने के बाद ही बाहर निकलें. अगर आप भूकंप के दौरान मलबे के नीचे दब जाएं तो माचिस हरगिज़ न जलाएं क्योंकि इस दौरान गैस लीक होने का खतरा हो सकता है. हिलें नहीं, और धूल न उड़ाएं. किसी रूमाल या कपड़े से चेहरा ज़रूर ढक लें. किसी पाइप या दीवार को ठकठकाते रहें, ताकि बचाव दल आपको तलाश सके. यदि कोई सीटी उपलब्ध हो तो बजाते रहें. यदि कोई और जरिया न हो, तो चिल्लाते रहें, हालांकि चिल्लाने से धूल मुंह के भीतर जाने का खतरा रहता है, सो, सावधान रहें.
भूकंप आए तो बरतें सावधानीः भूकंप आने के बाद बरती गईं सावधानियां आपकी जान बचा सकतीं हैं. यदि आप घर से बाहर हैं तो ऊंची इमारतों, बिजली के खंभों आदि से दूर रहें. जब तक झटके खत्म न हों, बाहर ही रहें. चलती गाड़ी में होने पर जल्द गाड़ी रोक लें और गाड़ी में ही बैठे रहें. ऐसे पुल या सड़क पर जाने से बचें, जिन्हें भूकंप से नुकसान पहुंचा हो. भूकंप आने के वक्त यदि आप घर में हैं तो फर्श पर बैठ जाएं. मज़बूत टेबल या किसी फर्नीचर के नीचे पनाह लें. टेबल न होने पर हाथ से चेहरे और सिर को ढक लें. घर के किसी कोने में चले जाएं और कांच, खिड़कियों, दरवाज़ों और दीवारों से दूर रहें. बिस्तर पर हैं तो लेटे रहें, तकिये से सिर ढक लें. आसपास भारी फर्नीचर हो तो उससे दूर रहें.
#FLASH Tremors felt in Delhi after earthquake occurred 6 km from Meerut's Kharkhauda in Uttar Pradesh, at 6.28 am
— ANI (@ANI) September 10, 2018
लिफ्ट का इस्तेमाल करने से बचें, पेंडुलम की तरह हिलकर दीवार से टकरा सकती है लिफ्ट और बिजली जाने से भी रुक सकती है लिफ्ट. कमज़ोर सीढ़ियों का इस्तेमाल न करें, आमतौर पर इमारतों में बनी सीढ़ियां मज़बूत नहीं होतीं. झटके आने तक घर के अंदर ही रहें और झटके रुकने के बाद ही बाहर निकलें. अगर आप भूकंप के दौरान मलबे के नीचे दब जाएं तो माचिस हरगिज़ न जलाएं क्योंकि इस दौरान गैस लीक होने का खतरा हो सकता है. हिलें नहीं, और धूल न उड़ाएं. किसी रूमाल या कपड़े से चेहरा ज़रूर ढक लें. किसी पाइप या दीवार को ठकठकाते रहें, ताकि बचाव दल आपको तलाश सके. यदि कोई सीटी उपलब्ध हो तो बजाते रहें. यदि कोई और जरिया न हो, तो चिल्लाते रहें, हालांकि चिल्लाने से धूल मुंह के भीतर जाने का खतरा रहता है, सो, सावधान रहें.
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