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This Article is From Jul 07, 2017

ई पलानीस्वामी का विश्वासमत मामला : अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने केस से खुद को अलग किया

अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने मामले में पेश होने से खुद को अलग कर लिया. उन्होंने कहा कि वह पहले ही पनीरसेल्वम को कानूनी राय दे चुके हैं. इसलिए केस में कोर्ट की मदद नहीं कर सकते.

ई पलानीस्वामी का विश्वासमत मामला : अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने केस से खुद को अलग किया
ई पलानीस्‍वामी (फाइल फोटो).
Quick Take
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
टॉर्नी जनरल बोले, वह पहले ही पनीरसेल्वम को कानूनी राय दे चुके हैं
अब सॉलीसिटर जनरल रंजीत कुमार कोर्ट में पेश होंगे
सुप्रीम कोर्ट मामले की अगली सुनवाई 11 जुलाई को करेगा
नई दिल्ली: तमिलनाडु के मुख्‍यमंत्री ई पलानीस्‍वामी के विश्‍वासमत हासिल करने के तौर-तरीकों पर सवाल उठने के बाद सुप्रीम कोर्ट में इसकी वैधानिकता पर 11 जुलाई को सुनवाई होनी है. शुक्रवार को अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने केस में पेश होने से खुद को अलग कर लिया. उन्होंने कहा कि वह पहले ही ओ पनीरसेल्वम को कानूनी राय दे चुके हैं. इसलिए केस में कोर्ट की मदद नहीं कर सकते. अब सॉलीसिटर जनरल रंजीत कुमार कोर्ट में पेश होंगे. सर्वोच्च न्यायालय को यह तय करना है कि फरवरी महीने में हुआ विश्ववासमत वैध था या नहीं. पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल को मदद के लिए बुलाया था.

इससे पहले मुख्यमंत्री ओ पनीरसेल्वम ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर फरवरी में हुए मुख्यमंत्री ई पलानीस्वामी के विश्वासमत को चुनौती दी थी. सुनवाई के दौरान पनीरसेल्वम की ओर से सुप्रीम कोर्ट में कहा गया कि विश्वासमत के दौरान सही प्रक्रिया नहीं अपनाई गई. विधायकों  को बंधक बना लिया गया था और इसके लिए उनपर दबाव बनाया गया. कोर्ट में कहा गया कि विश्वासमत को दोबारा से कराया जाना चाहिए और इसके लिए सीक्रेट बैलेट से वोटिंग होनी चाहिए. गौरतलब है कि विश्वासमत से पहले 122 विधायकों को एक रिसॉर्ट में रखा गया था.
 

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