विज्ञापन
This Article is From Mar 16, 2021

दूतावास की 'गलती' से सऊदी अरब में दफना दिया गया हिन्दू भारतीय, पत्नी ने लगाया आरोप

भारतीय हिन्दू शख्स का शव सऊदी अरब में गलती से इस्लामिक रीति-रिवाज़ों के मुताबिक दफना दिया गया, क्योंकि जेद्दा में तैनात भारतीय दूतावास अधिकारियों ने उस शख्स के मृत्यु प्रमाणपत्र पर उसके धर्म का गलत अनुवाद कर दिया.

दूतावास की 'गलती' से सऊदी अरब में दफना दिया गया हिन्दू भारतीय, पत्नी ने लगाया आरोप
भारतीय शख्स के शव को हासिल करने के लिए दर-दर भटकती रही पत्नी ने अब दिल्ली हाईकोर्ट से गुहार लगाई है...
Quick Take
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
सऊदी अरब में कार्यरत संजीव कुमार की जनवरी में मौत हुई थी
पत्नी को फरवरी में बताया गया, शव को दफना दिया गया
दरअसल, दूतावास के अनुवादक ने गलती से धर्म मुस्लिम लिख दिया था

दिल्ली हाईकोर्ट के सामने मंगलवार को एक अजीबोगरीब केस पहुंचा, जब बताया गया कि एक भारतीय हिन्दू शख्स का शव सऊदी अरब में गलती से इस्लामिक रीति-रिवाज़ों के मुताबिक दफना दिया गया, क्योंकि जेद्दा में तैनात भारतीय दूतावास अधिकारियों ने उस शख्स के मृत्यु प्रमाणपत्र पर उसके धर्म का गलत अनुवाद कर दिया.

भारतीय के शव को हासिल करने के लिए दर-दर भटकती रही पत्नी ने अब हाईकोर्ट से विदेश मंत्रालय को निर्देश देने की गुहार की है, ताकि शख्स के शव को कब्र खोदकर निकालने और उन्हें समयबद्ध तरीके से भारत लाने के लिए कदम उठाए जा सकें.

जस्टिस प्रतिभा एम. सिंह ने कहा कि महिला जनवरी से ही अधिकारियों के पास चक्कर काट रही हैं, जब उनके पति का देहांत हुआ, और शव को भारत लाकर अंतिम संस्कार करवाने के लिए पर्याप्त कदम उठाए जाने चाहिए थे.

जस्टिस ने इसे 'दुर्भाग्यपूर्ण' मामला बताते हुए कहा, "अब, विदेश मंत्रालय का कम से कम डिप्टी सेक्रेटरी स्तर का कोई अधिकारी 18 मार्च को सुनवाई में पेश होगा, और कोर्ट को जानकारी देगा कि क्या-क्या कदम उठाए गए हैं, और मृतक के अवशेषों को भारत लाने के काम का स्टेटस क्या है..."

सऊदी अरब में काम कर रहे भारतीय शख्स संजीव कुमार की 24 जनवरी को कार्डियक अरेस्ट की वजह से सऊदी अरब में मृत्यु हो गई थी, और उनके शव को वहीं एक अस्पताल में रखा गया था.

याचिकाकर्ता अंजु शर्मा ने अर्ज़ी में कहा कि पति की मौत की ख़बर मिलने पर परिवार ने अधिकारियों से शव को भारत पहुंचवाने का आग्रह किया था. लेकिन 18 फरवरी को याचिकाकर्ता को ख़बर दी गई कि उनके पति के शव को सऊदी अरब में दफना दिया गया है, जबकि परिजन भारत में उनके शव के पहुंचने की प्रतीक्षा कर रहे थे.

एडवोकेट सुभाष चंद्रन के.आर. तथा योगमाया एम.जी. के ज़रिये दाखिल की गई याचिका में कहा गया है, "भारतीय दूतावास के अधिकारियों ने बताया कि ऐसा जेद्दा स्थित भारतीय दूतावास के आधिकारिक अनुवादक द्वारा की गई गलती की वजह से हुआ, जिन्होंने मृत्यु प्रमाणपत्र में धर्म के कॉलम में 'मुस्लिम' लिख दिया था... उन्होंने जेद्दा स्थित भारतीय दूतावास की आधिकारिक अनुवादक एजेंसी की ओर से क्षमायाचना पत्र भी याचिकाकर्ता को सौंपा..."

याचिका में यह भी बताया गया है कि संजीव कुमार की पत्नी या परिवार के किसी भी अन्य सदस्य ने सऊदी अरब में संजीव के शव को दफनाए जाने की अनुमति नहीं दी थी.

इसके बाद, महिला ने जेद्दा स्थित भारतीय दूतावास के अधिकारियों से आग्रह किया कि स्थानीय प्रशासन से उनके पति के शव को कब्र से निकलवाएं, ताकि भारत में शव का परिवार की मान्यताओं के अनुसार अंतिम संस्कार किया जा सके.

अर्ज़ी के मुताबिक, "दुर्भाग्य से, याचिकाकर्ता के पति का देहांत होने के सात सप्ताह बीत जाने के बाद भी प्रशासन संजीव कुमार के शव को अंतिम संस्कार के लिए भारत पहुंचवाने के काम के लिए आवश्यक औपचारिकताएं पूरी करने में नाकाम रहा है..."

याचिका में केंद्र सरकार को यह निर्देश दिए जाने का भी आग्रह किया गया है कि लापरवाही बरतने के लिए जेद्दा स्थित भारतीय दूतावास के अधिकारियों के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई की जाए.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे: