काफी विवाद के बाद महिला अध्यापकों के लिए जारी ड्रेस कोड को सरकार ने रद्द कर दिया है (प्रतीकात्मक चित्र)
चंडीगढ़:
सरकारी स्कूलों में अध्यापिकाओं के लिए ड्रेस कोड लागू करने के बाद चारों तरफ से आलोचना झेल रहे पंजाब के शिक्षा विभाग ने दो अधिकारियों को निलंबित कर दिया और ड्रेस कोड तय करने वाले विवादित आदेश को वापस ले लिया.
शिक्षा मंत्री अरुणा चौधरी ने शिक्षा विभाग के उप निदेशक अमरीश शुक्ला और सहायक निदेशक अमरबीर सिंह को निलंबित कर दिया. दोनों अधिकारियों को मंजूरी लिए बगैर ड्रेस कोड का आदेश जारी करने के आरोप में निलंबित किया गया.
पंजाबी भाषा में जारी इस विवादित आदेश में कहा गया था कि अध्यापिकाओं द्वारा 'जींस, टॉप, भड़कीला पहनावा और फैशनेबल कपड़े' पहनने से विद्यार्थियों पर गलत प्रभाव पड़ता है. आदेश में जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिया गया था कि महिला अध्यापिकाएं ड्रेस कोड का पालन करें, इसके लिए नियमित तौर पर स्कूलों का दौरा करें.
शिक्षा मंत्री ने बताया कि आदेश-पत्र में अध्यापिकाओं के लिए बहुत ही अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया गया था और दो अधिकारियों ने खुद से वरिष्ठ अधिकारियों की अनुमति लिए बगैर यह आदेश जारी कर दिया था.
अरुणा चौधरी ने कहा कि राष्ट्र का निर्माण करने वाले अध्यापक समुदाय के किसी भी तरह अपमान को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. महिला शिक्षकों के खिलाफ इस तरह की अपमानजनक भाषा पिछड़ी सोच की परिचायक है और इस तरह की मानसिकता की आलोचना होनी चाहिए.
(इनपुट आईएएनएस से)
शिक्षा मंत्री अरुणा चौधरी ने शिक्षा विभाग के उप निदेशक अमरीश शुक्ला और सहायक निदेशक अमरबीर सिंह को निलंबित कर दिया. दोनों अधिकारियों को मंजूरी लिए बगैर ड्रेस कोड का आदेश जारी करने के आरोप में निलंबित किया गया.
पंजाबी भाषा में जारी इस विवादित आदेश में कहा गया था कि अध्यापिकाओं द्वारा 'जींस, टॉप, भड़कीला पहनावा और फैशनेबल कपड़े' पहनने से विद्यार्थियों पर गलत प्रभाव पड़ता है. आदेश में जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिया गया था कि महिला अध्यापिकाएं ड्रेस कोड का पालन करें, इसके लिए नियमित तौर पर स्कूलों का दौरा करें.
शिक्षा मंत्री ने बताया कि आदेश-पत्र में अध्यापिकाओं के लिए बहुत ही अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया गया था और दो अधिकारियों ने खुद से वरिष्ठ अधिकारियों की अनुमति लिए बगैर यह आदेश जारी कर दिया था.
अरुणा चौधरी ने कहा कि राष्ट्र का निर्माण करने वाले अध्यापक समुदाय के किसी भी तरह अपमान को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. महिला शिक्षकों के खिलाफ इस तरह की अपमानजनक भाषा पिछड़ी सोच की परिचायक है और इस तरह की मानसिकता की आलोचना होनी चाहिए.
(इनपुट आईएएनएस से)
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