इलाहाबाद उच्च न्यायालय (Allahabad High Court) के आदेश के करीब 12 घंटे बाद डॉक्टर कफील खान (Dr Kafeel Khan) आखिरकार मथुरा जेल से मंगलवार देर रात रिहा हो गए. जेल से बाहर आने के बाद डॉक्टर कफील खान ने NDTV से बातचीत में बताया कि पिछले 7 महीनों में जेल में उनका समय कितना कठिन रहा. डॉक्टर कफील (Dr Kafeel Khan) के अनुसार जनवरी में उन्हें गिरफ्तार करने के बाद जब उन्हें जेल लेकर गए तो पहले पांच दिन बुरी तरह से प्रताड़ित किया. उनके अनुसार न तो उन्हें खाना दिया और न ही पानी, साथ ही कुछ अजीबो-गरीब सवाल भी पूछे गए. रामायण का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि मैंने पढ़ा है कि राजा को राजधर्म का पालन करना चाहिए उसे राजहठ नहीं करना चाहिए, लेकिन यहां मेरा राजा बालहठ कर रहा है. यूपी सरकार पर सवाल उठाते हुए कफील खान (Dr Kafeel Khan) ने कहा कि जिस भाषण को भड़काऊ बताकर मेरे खिलाफ कार्रवाई की गई, वह दिंसबर 2019 का था और मेरी गिरफ्तार 29 जनवरी को हुई है. बीच के समय में मुझे इस बारे में जानकारी नहीं थी कि मेरे भाषण को भड़काउ बताकर एफआईआर दर्ज की गई है. और न ही मुझसे किसी तरह के सवाल पूछे गए.
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डॉक्टर कफील ने बताया कि गोरखपुर अस्पताल में हुए मामले को लेकर मुझे दूसरी जांच में 23 जनवरी को क्लीन चिट मिली थी. इसके बाद सरकार ने परेशान होकर मुझ पर इस तरह से कार्रवाई की जैसे मैं कोई आतंकवादी हूं. उन्होंने सवाल पूछते हुए कहा कि क्या बच्चों को बचाना आतंकवाद होता है.
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बता दें कि कफील संशोधित नागरिकता कानून (CAA) के खिलाफ पिछले साल अलीगढ़ में भड़काऊ भाषण देने के आरोप में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत करीब साढ़े सात महीने से मथुरा जेल में बंद थे. इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति गोविंद माथुर और न्यायमूर्ति सौमित्र दयाल सिंह की पीठ ने कफील को तत्काल रिहा करने के आदेश दिये थे.
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