दिल्ली में विरोध-प्रदर्शन कर रहे रेजिडेंट डॉक्टरों और पुलिस के बीच तनाव बना हुआ है. दिल्ली पुलिस ने बुधवार को कोविड प्रतिबंधों का हवाला देते हुए उनसे प्रदर्शन वापस लेने की मांग की है. दिल्ली पुलिस के एसीपी बीएस यादव ने कहा कि डॉक्टर दिल्ली में अपना विरोध प्रदर्शन जारी नहीं रख सकते क्योंकि यहां येलो अलर्ट जारी हो चुका है.
यादव ने कहा कि 'हमने डॉक्टरों से कहा है कि वो हड़ताल जारी नहीं रख सकते. दिल्ली में कोविड को लेकर येल्लो अलर्ट हो गया है. DDMA एक्ट के तहत भीड़ इकट्ठा नहीं की जा सकती. हमने डॉक्टरों से निवेदन किया है कि कोरोना के चलते हड़ताल ख़त्म करें.'
हालांकि, प्रदर्शन पर बैठे डॉक्टरों के संगठन ने कहा है कि उनकी हड़ताल अब भी जारी है. FORDA (Federation of Resident Doctors' Association) के अध्यक्ष डॉक्टर मनीष ने कहा कि 'हमें दिल्ली पुलिस ने येलो अलर्ट का हवाला दिया है. हमारी हड़ताल अब भी जारी है. हम मांग कर रहे हैं कि दिल्ली पुलिस हमसे लिखित में माफ़ी मांगे. हम बैठक कर निर्णय लेंगे कि हड़ताल जारी रखनी है या ख़त्म करनी है.'
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बता दें कि रेजिडेंट डॉक्टरों ने नीट-पीजी 2021 काउंसलिंग में देरी पर अपना आंदोलन तेज किया है. लेकिन विरोध ने एक नाटकीय मोड़ तब ले लिया, जब चिकित्सकों और पुलिस कर्मियों का सड़कों पर आमना-सामना हुआ जहां दोनों पक्षों ने आरोप लगाया कि हाथापाई में कई लोगों को चोट लगी.
पुलिस ने सोमवार को अपनी ओर से लाठीचार्ज या अभद्र भाषा के इस्तेमाल के किसी भी आरोप से इनकार किया और कहा कि 12 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया और बाद में रिहा कर दिया गया.
एम्स आरडीए ने सोमवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया को पत्र लिखकर डॉक्टरों के खिलाफ कथित 'पुलिस के अत्याचारों' की निंदा की. उसने कहा कि वे 42,000 से अधिक डॉक्टरों के प्रवेश के लिए नीट पीजी काउंसलिंग में तेजी लाने के लिए शांतिपूर्वक विरोध कर रहे थे.
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