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This Article is From Jan 01, 2021

मध्य प्रदेश में बिजली बिल के बकाये को लेकर परेशान किए जाने से व्यथित किसान ने दी जान

परिजनों के मुताबिक, मुनेंद्र की फसल खराब हो गई थी. इससे वह बिजली का बिल नहीं जमा कर पा रहे थे. बिजली विभाग के अधिकारियों ने नोटिस जारी कर बकाया 87 हजार जमा करने को कहा था.

मध्य प्रदेश में बिजली बिल के बकाये को लेकर परेशान किए जाने से व्यथित किसान ने दी जान
सुसाइड नोट में लिखा, मेरे शरीर का एक-एक अंग बेचकर बिजली विभाग का कर्ज चुकाया जाए
भोपाल:

मध्यप्रदेश के छतरपुर (Chhatarpur) जिले में एक किसान ने कथित तौर बकाया बिजली बिल (outstanding electricity bill) को लेकर परेशान किए जाने से व्यथित होकर खुदखुशी ( farmer commits suicide) कर ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संबोधित सुसाइड नोट में किसान ने अपने अंगों को बेचकर बिजली विभाग के कर्ज को चुकाने की बात कही है.

मातगुवां गांव में 35 साल के मुनेंद्र राजपूत ने फांसी लगाकर जान दे दी. परिजनों के मुताबिक, मुनेंद्र की फसल खराब हो गई थी. इसकी वजह से वह बिजली का बिल नहीं जमा कर पा रहे थे. बिजली विभाग के अधिकारियों ने नोटिस जारी कर बकाया 87 हजार जमा करने को कहा था. कुछ दिनों बाद मुनेंद्र की आटा चक्की और मोटरसाइकिल को जब्त कर लिया गया. इससे परेशान होकर किसान ने खेत पर जाकर फांसी के फंदे से झूल कर आत्महत्या कर ली.

साथ ही एक सुसाइड नोट भी लिखा है. इसमें लिखा था कि बकाया बिजली बिल के लिए विभाग के कर्मचारी लगातार परेशान कर रहे हैं. यहां तक कि मेरी बाइक भी उठा ले गए. मेरे मरने के बाद मेरा शरीर सरकार को सौंप दिया जाए और मेरे शरीर का एक-एक अंग बेचकर बिजली विभाग का बकाया कर्ज चुका दिया जाएगा.किसान ने अपने सुसाइड नोट में यह भी लिखा कि उसकी तीन बेटियां हैं और एक बेटा है, इनमें से कोई भी अभी 16 साल से अधिक उम्र का नहीं है. मामले में पुलिस का कहना है कि बिजली कंपनी के बकाया और सुसाइड नोट की जांच के बाद जो सामने आएगा,  उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी.
 

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