आम आदमी पार्टी की नीतियों से नाराज कार्यकर्ताओं को अपनी बात रखने के लिए स्वराज संवाद के नाम का एक मंच बना है। यह मंच तैयार किया है, आम आदमी पार्टी से जुड़े लोगों ने और जो इससे जुड़ें हैं वही इस संवाद का हिस्सा बन सकते हैं।
गुड़गांव के इफ्को चौक पर 14 अप्रैल को सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक चिंतन मंथन का दौर चलेगा, जिसमें देश और विदेश से वह कार्यकर्ता हिस्सा लेंगे जो यह मानते हैं कि आम आदमी पार्टी अपने लक्ष्य से भटक रही है। स्वराज संवाद को सफल बनाने को लेकर फेसबुक, ट्विटर, व्हाट्स एप और वेबसाइट सब एक्टिव हैं।
योगेंद्र-प्रशांत की जोड़ी, जो कभी पार्टी की पीएसी और थिंक टैंक का हिस्सा रही, सारे ओहदे छिन जाने के बाद मौजूदा हैसियत सिर्फ कार्यकर्ता की रह गई है। ऐसे में उन्होंने स्वराज संवाद के जरिये एक नई शुरुआत की है, ताकि पार्टी के दूसरे कार्यकर्ताओं और पार्टी से नाराज़ या असंतुष्ट चल रहे दूसरे नेताओं के साथ एक रिश्ता कायम हो सके। इसके लिए फेसबुक, ट्विटर समेत दूसरे तमाम जरिए इस्तेमाल किए जा रहे हैं।
आम आदमी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के पूर्व सदस्य प्रो. अजित झा का कहना है कि अब तक करीब 2500 कार्यकर्ताओं ने हामी भरी है। इसके अलावा 97 अप्रवासी भारतीयों ने भी खुद को रजिस्टर किया है। 27 राज्यों से इस संवाद का रिस्पॉन्स मिला है, जिसमें दिल्ली से 610, उत्तर प्रदेश से 476, उत्तर प्रदेश से 476, बिहार से 219, हरियाणा से 192 और महाराष्ट्र से 140 कार्यकर्ता शामिल हैं।
स्वराज संवाद में उन बुनियादी मुद्दों पर चर्चा होगी जिनकी वजह से AAP की नींव पड़ी। इस पर भी चर्चा होगी कि कहीं पार्टी मकसद से भटक तो नहीं रही। पार्टी के भीतरी लोकतंत्र की हालत एक अहम मुद्दा होगा। कार्यकर्ताओं की भूमिका पर भी विचार किया जाएगा। साथ ही आगे की रणनीति भी तय की जाएगी।
अब इसे संयोग कहा जाए या डैमेज कंट्रोल की कवायद कि 14 अप्रैल को होने वाले स्वराज संवाद के ठीक पहले पार्टी के मुखिया और दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल भी 11 और 12 अप्रैल को दिल्ली में दो जनसभाएं कर लोगों को अपने काम गिनाएंगे।
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