"शर्मनाक" :  स्वास्थ्य मंत्री ने शशि थरूर और अन्य के वैक्सीन को लेकर किए गए ट्वीट पर कहा 

कांग्रेस नेताओं शशि थरूर और जयराम रमेश और समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा था कि कोवाक्सीन में वैक्सीन की प्रभावशीलता दिखाने के लिए प्रभावकारिता डेटा की कमी थी. 

नई दिल्ली :

स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन (Dr.Harsh Vardhan) ने भारत बायोटेक की कोवाक्सिन पर कांग्रेस और अन्य विपक्षी नेताओं की टिप्पणियों को लेकर आलोचना की है, कोवैक्सीन को सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा निर्मित ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका वैक्सीन के साथ देश में आपातकालीन उपयोग के लिए मंजूरी दे दी गई है.

कांग्रेस नेताओं शशि थरूर और जयराम रमेश और समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा था कि आपातकालीन उपयोग के लिए अनुमोदित किए जाने से पहले कोवाक्सीन में वैक्सीन की प्रभावशीलता दिखाने के लिए प्रभावकारिता डेटा की कमी थी. 

इस तरह के एक महत्वपूर्ण मुद्दे का राजनीतिकरण करना किसी के लिए भी शर्मनाक है. शशि थरूर, अखिलेश यादव और जयराम रमेश # COVID19 वैक्सीन को मंजूरी देने के लिए विज्ञान समर्थित प्रोटोकॉल का अच्छी तरह से पालन किया गया,  इसे बदनाम करने की कोशिश मत करो.  जागो और महसूस करो कि तुम केवल अपने आप को बदनाम कर रहे हो."

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि कोवाक्सीन में "दूसरों के लिए रिपोर्ट की गई समान सुरक्षात्मक प्रभावकारिता की संभावना है", फेस 3 परीक्षणों से प्रभावकारिता डेटा की कमी के बावजूद. 

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हर्षवर्धन ने कहा, "जीन एन्कोडिंग स्पाइक प्रोटीन पर आधारित विश्व स्तर पर स्वीकृत टीकों में 90% से अधिक सुरक्षात्मक प्रभावकारिता होती है. हालांकि, पूरे निष्क्रिय वायरस पर आधारित कोवाक्सिन में स्पाइक प्रोटीन के अलावा अन्य एंटीजेनिक एपिटोप्स भी हैं. इसलिए, दूसरों के लिए इसी तरह की सुरक्षात्मक प्रभावकारिता होने की संभावना है."

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, "कोवाक्सीन के कोविड के नए प्रकारों के खिलाफ काम करने की अधिक संभावना है जैसे N501Y वेरिएंट (यूके स्ट्रेन) और कोई भी अन्य जो एंटीजेनिक बहाव के कारण उत्पन्न हो सकता है, क्योंकि इसमें स्पाइक प्रोटीन के अलावा अन्य जीनों से इम्युनोगेंस (एपिटोप्स) होते हैं. NIV के निष्क्रिय वायरस में भी D614G म्यूटेशन था."

आज एक प्रेस वार्ता में, भारत के नियामक ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ने कहा कि दोनों टीकों - ऑक्सफोर्ड के कोविशिल्ड और कोवाक्सिन - को दो खुराक में प्रशासित किया जाना चाहिए और 2 से 8 डिग्री सेल्सियस के बीच तापमान पर संग्रहीत किया जाना चाहिए.

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