दिमापुर में हुई हिंसा को लेकर नगालैंड सरकार ने शहर के पुलिस अधीक्षक और डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर को सस्पेंड कर दिया है। इससे पहले गुरुवार शाम गुस्साई भीड़ ने दिमापुर सेंट्रल जेल में बलात्कार आरोपी एक युवक वहां से बाहर निकाला और फिर पीट-पीट कर उसकी हत्या कर दी थी।
इस घटना के मद्देनजर मुख्यमंत्री टी आर ज़ेलियांग ने इलाके के हालात की समीक्षा के लिए कैबिनेट मीटिंग बुलाई थी, जिसमें दोनों अधिकारियों को सस्पेंड करने का फैसला कैबिनेट किया गया। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने इस मामले की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं।
जानकारी यह भी है कि कथित आरोपी करीम का शव नगालैंड में ही दफन किया जाएगा, क्यूंकि माना जा रहा कि अगर उसे वापिस असम के करीमगंज ले जाया गया, तो हालात और बिगड़ सकते हैं।
उधर सेना की चार कोर को अलर्ट पर रखा गया, ताकि अगर जरूरत पड़ने तो उन्हें करीमगंज, बरपेटा और नौगांव जैसे अल्पसंख्यक बहुल इलाकों में भेजा जा सके। इसके साथ ही नगालैंड के लोगों को असम जाने से रोका जा रहा है। दूसरी तरफ असम और नगालैंड बॉर्डर पर सुरक्षा बड़ा दी है।
इससे पहले दीमापुर में हुई हिंसा के बाद प्रशासन ने वहां कर्फ्यू लगा दिया है। कल शाम दिमापुर सेंट्रल जेल के पास एकत्र गुस्साई भीड़ ने जेल तोड़ एक कैदी को बाहर निकाला। फिर उसे नग्न अवस्था में शहर में सात किलोमीटर तक घुमाया और घसीटा जिसके कारण उसकी मौत हो गई। भीड़ ने फिर उसे शेहर के बीचों-बीच एक क्लॉक टावर में फांसी भी लगा दी।
इस चौंका देने वाली घटना में कम से कम छह लोग घायल हुए और एक स्थानीय नागरिक की मौत भी हो गई। गृह मंत्रालय ने इस घटना को स्थानीय पुलिस की असफलता करार दिया है। जो रिपोर्ट गृह मंत्रालय पहुंची है, उसके मुताबिक दीमापुर सेंट्रल जेल से चार और कैदी भी भाग गए थे, लेकिन उनमें से तीन अब वापिस गिरफ्तार किए जा चुके हैं।
गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने एनडीटीवी इंडिया को बताया, 'यह एक गंभीर मसला है। पिछले कई दिनों से रेप के एक मामले को लेकर लोगों में काफी गुस्सा था, लेकिन लोकल प्रशासन उस गुस्से को आंक नहीं पाया और जब स्थिति हाथ से बाहर चली गई तब लाचार हो गया।' गृह मंत्रालय ने नगालैंड प्रशासन और जेल अधिकारियों से इस घटना को लेकर एक रिपोर्ट भी मांगी है।
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