कांग्रेस से राज्यसभा सांसद और मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) ने अयोध्या (Ayodhya) में राम मंदिर (Ram Mandir) के निर्माण के लिए एक लाख ग्यारह हजार एक सौ ग्यारह रुपये का चंदा दिया है. दिग्विजय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के जरिए चेक श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को भेजा है. चेक के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर उन्होंने ये अपील भी की है कि चंदा एकत्रित करने का काम सौहार्दपूर्ण वातावरण में हो. साथ ही उन्होंने ये मांग भी की है कि विश्व हिंदू परिषद पुराने चंदे का लेखा-जोखा जनता के सामने रखे.
अपने खत में दिग्विजय सिंह ने लिखा है कि विश्व हिंदू परिषद ने 15 जनवरी 2021 से राम मंदिर के निर्माण के लिए पूरे देश में चंदा अभियान शुरू किया है. इससे पहले भी विहिप और अन्य संगठन इसके लिए चंदा अभियान शुरू कर चुके हैं. उन्होंने कहा है कि विहिप को इस चंदे का लेखा-जोखा देना चाहिए.
दिग्विजय सिंह ने पत्र में मंदिर निर्माण के लिए बने न्यास में किसी शंकराचार्य को शामिल नहीं करने पर भी फिर से ऐतराज जताया है. उन्होंने कहा है कि ''चूंकि धर्म निजी आस्था का विषय है जो मन, वचन और कर्म को पवित्र करके आत्मकल्याण के साथ लोक कल्याण का मार्ग प्रशस्त करता है. इसलिए कोई व्यक्ति कितना धार्मिक है उसके द्वारा यह प्रदर्शित करना उसे अहंकार की ओर ले जा सकता है. जो आत्मकल्याण तथा लोककल्याण के मार्ग में बाधक हो सकता है. भगवान राम मेरी और मेरे पूर्वजों की आस्था के केन्द्र हैं. इसलिए राम के बिना तो मैं अपने अस्तित्व की भी कल्पना नहीं कर सकता.''
उन्होंने लिखा है कि ''मध्यप्रदेश के राघोगढ़ में मेरे घर में 400 वर्षों से भगवान राम (राघौजी महाराज) का मंदिर है जहां प्रतिदिन उनकी सेवा होती है. मेरे रक्त के कण-कण में राम की मौजूदगी के बावजूद मैंने उनके नाम को कभी राजनीति में मिश्रित नहीं किया.''
दिग्विजय सिंह ने पीएम मोदी से कहा है कि ''मैं आपको यह भी अवगत कराना चाहता हूं कि कुछ संगठन बहुत बड़े पैमाने पर लाठी, बल्लम, तलवारें लेकर मंदिर निर्माण के लिए चंदा वसूल कर रहे हैं. चंदा एकत्रित करने के लिए हथियार लेकर किसी एक समुदाय के खिलाफ भड़काने वाले नारे लगाना मेरी समझ से किसी धार्मिक अनुष्ठान या क्रियाकलाप का हिस्सा नहीं हो सकते. सनातन धर्म का तो कतई नहीं. मध्य प्रदेश में इसकी वजह से तीन अप्रिय घटनाएं हो चुकी हैं तथा इससे सामाजिक ताने-बाने को क्षति हुई है. अन्य स्थानों पर भी ऐसी घटनाओं की सूचना मिल रही है. मुझे जानकारी नहीं है कि इन लोगों को न्यास ने चंदा वसूल करने के लिए अधिकृत किया या नहीं? अथवा वे चंदे की रसीदें भी लोगों को दे रहे हैं या नहीं?''
उन्होंने लिखा है कि ''आप देश के प्रधानमंत्री हैं. आप भलीभांति जानते हैं कि राम मंदिर के निर्माण कार्य में अन्य धर्म के लोगों का कोई विरोध नहीं है. यह आपकी जिम्मेदारी है कि भगवान राम के मंदिर निर्माण के नाम पर चन्दा एकत्रित करने का जो कार्य हो रहा है वह सौहार्दपूर्ण वातावरण में हो. आप ऐसे संगठनों को मंदिर निर्माण का चंदा एकत्रित करने से तत्काल रोकें जो अन्य धर्म के लोगों के खिलाफ नारेबाजी करके हथियारों को लेकर चंदा एकत्रित कर रहे हैं.''
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