देवास (मध्यप्रदेश):
देश में 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों का चलन बंद होने के बाद पूरी क्षमता से नए नोटों की प्रिटिंग के लिए बैंक नोट प्रेस (बीएनपी) में सेवानिवृत्त कर्मचारियों की सेवाएं लेने के बाद अब सेना के जवानों को भी काम में लगाया गया है. बीएनपी कर्मचारी कल्याण समिति के अध्यक्ष कमल चौहान ने सोमवार को बताया, "सेना के जवानों के आने से जहां कर्मचारियों का उत्साह बढ़ा है.
(पढ़ें : देवास: बैंक नोट प्रेस में दिन-रात छप रहे हैं 500 के नए नोट, रिटायर्ड कर्मी भी काम पर लगाए गए)
वहीं अब काम की गति और बढ़ेगी और नोटों का उत्पादन भी बढ़ेगा." सिक्योरिटी प्रिटिंग एंड मिंटिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एसपीएमसीआईएल) द्वारा संचालित बीएनपी, देवास में इससे पहले नोटों का उत्पादन बढ़ाने के लिए सेवानिवृत्त कर्मचारियों को भी काम पर लगाया जा चुका है. इस ईकाई की उत्पादन क्षमता 200 लाख नग नोट प्रतिदिन छापने की है.
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बीएनपी के 1,300 नियमित कर्मचारी और 30 सेवानिवृत्त कर्मचारियों के साथ नए नोटों को छापने का काम किया जा रहा है. उत्पादन बढ़ाने के लिए ग्वालियर और महू से सेना के 200 जवान भी यहां पिछले दो दिनों में पहुंच गए हैं. इनके ठहरने के व्यवस्था बीएनपी परिसर में कर्मचारियों के खाली मकानों में की गई है. भोजन आदि की व्यवस्था यहां तैनात केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) की मेस में की गई है. बीएनपी में फिलहाल 150 लाख नग नोट प्रतिदिन छापे जा रहे हैं.
उन्होंने उम्मीद व्यक्त करते हुए कहा, "अब यहां नए नोटों की छपाई बढ़कर ईकाई की अधिकतम क्षमता यानि 200 लाख नग नोट प्रतिदिन तक पहुंच जाएगी."
अधिकारी ने बताया कि सेना के जवानों की सहायता तकनीकी कार्यो को छोड़कर अन्य कामों के लिए ली जाएगी. उनका उपयोग इंदौर विमानतल तक करंसी के परिवहन में भी किया जा सकता है. बीएनपी में फिलहाल 500 रुपये का नया नोट छापा जा रहा है. विमुद्रीकरण की घोषणा के बाद एसपीएमसीआईएल के सीएमडी प्रवीण गर्ग बीएनपी का दो दफा दौरा कर चुके हैं.
सूत्रों ने बताया कि बीएनपी प्रबंधन के साथ बैठक में गर्ग को कर्मचारियों की कमी के बारे में बताया गया. इसके बाद वर्तमान कर्मचारियों की सहायता के लिए सेवानिवृत्त कर्मचारियों को भी बुलाने का निर्णय लिया गया, लेकिन उसको बुलाने के बावजूद भी समस्या का पूरी तरह समाधान नहीं निकला.
इसके बाद सीएमडी ने बीएनपी में नोटों का उत्पादन बढ़ाने के लिए सेना के जवान उपलब्ध कराने के बारे में केन्द्र सरकार को पत्र लिखा. इसके बाद सेना के करीब 200 जवानों को यहां कर्मचारियों की सहायता के लिए भेजा गया है.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
(पढ़ें : देवास: बैंक नोट प्रेस में दिन-रात छप रहे हैं 500 के नए नोट, रिटायर्ड कर्मी भी काम पर लगाए गए)
वहीं अब काम की गति और बढ़ेगी और नोटों का उत्पादन भी बढ़ेगा." सिक्योरिटी प्रिटिंग एंड मिंटिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एसपीएमसीआईएल) द्वारा संचालित बीएनपी, देवास में इससे पहले नोटों का उत्पादन बढ़ाने के लिए सेवानिवृत्त कर्मचारियों को भी काम पर लगाया जा चुका है. इस ईकाई की उत्पादन क्षमता 200 लाख नग नोट प्रतिदिन छापने की है.
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बीएनपी के 1,300 नियमित कर्मचारी और 30 सेवानिवृत्त कर्मचारियों के साथ नए नोटों को छापने का काम किया जा रहा है. उत्पादन बढ़ाने के लिए ग्वालियर और महू से सेना के 200 जवान भी यहां पिछले दो दिनों में पहुंच गए हैं. इनके ठहरने के व्यवस्था बीएनपी परिसर में कर्मचारियों के खाली मकानों में की गई है. भोजन आदि की व्यवस्था यहां तैनात केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) की मेस में की गई है. बीएनपी में फिलहाल 150 लाख नग नोट प्रतिदिन छापे जा रहे हैं.
उन्होंने उम्मीद व्यक्त करते हुए कहा, "अब यहां नए नोटों की छपाई बढ़कर ईकाई की अधिकतम क्षमता यानि 200 लाख नग नोट प्रतिदिन तक पहुंच जाएगी."
अधिकारी ने बताया कि सेना के जवानों की सहायता तकनीकी कार्यो को छोड़कर अन्य कामों के लिए ली जाएगी. उनका उपयोग इंदौर विमानतल तक करंसी के परिवहन में भी किया जा सकता है. बीएनपी में फिलहाल 500 रुपये का नया नोट छापा जा रहा है. विमुद्रीकरण की घोषणा के बाद एसपीएमसीआईएल के सीएमडी प्रवीण गर्ग बीएनपी का दो दफा दौरा कर चुके हैं.
सूत्रों ने बताया कि बीएनपी प्रबंधन के साथ बैठक में गर्ग को कर्मचारियों की कमी के बारे में बताया गया. इसके बाद वर्तमान कर्मचारियों की सहायता के लिए सेवानिवृत्त कर्मचारियों को भी बुलाने का निर्णय लिया गया, लेकिन उसको बुलाने के बावजूद भी समस्या का पूरी तरह समाधान नहीं निकला.
इसके बाद सीएमडी ने बीएनपी में नोटों का उत्पादन बढ़ाने के लिए सेना के जवान उपलब्ध कराने के बारे में केन्द्र सरकार को पत्र लिखा. इसके बाद सेना के करीब 200 जवानों को यहां कर्मचारियों की सहायता के लिए भेजा गया है.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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