जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला (Farooq Abdullah) ने NDTV से बातचीत के दौरान कहा कि मुझे मेरे घर में ही हिरासत में रखा गया था. फारूक अब्दुल्ला (Farooq Abdullah) ने कहा कि मुझे इस बात का दुख है कि गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) इस तरह से झूठ बोल रहे हैं. इस दौरान जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम रो भी पड़े. NDTV से बातचीत के दौरान फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि मुझे कैसा लगेगा जब आपके शरीर के टूकड़े कर दिए जाएं. वो शरीर जो सब मुसीबतों में आपके साथ थी. हर लड़ाई उसने एक होकर लड़ी. वो लोग जो देश के साथ खड़े रहे उन्हें आज कैसा लग रहा होगा. उन्होंने कहा कि कैसे उनके साथ धोखा हुआ.
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फारूक अब्दुल्ला ने सवाल किया कि क्या ये हिन्दू को एक तरफ मुस्लिमों को एक तरफ कर देंगे. क्या यही हिन्दुस्तान है. उन्होंने कहा कि मेरा भारत वो था जो सबका था. उन्होंने कहा कि हमारी राजनीति की लड़ाई जारी रहेगी. हम लोकतंत्र के लिए लड़ेंगे. हम एकता के लिए लड़ेंगे.
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जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि हम फिर एक साथ बैठेंगे और इस मुद्दे को एक लॉजिकल इंड तक ले जाएंगे. मुझे चिंता है कि आम आदमी क्या सोंच रहा होगा. ताले में बंद दवाई तक नहीं मिल रही है. खाने को खाना तक नहीं मिल रहा है. जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि मैंने कभी ऐसा हिंदुस्तान नहीं देखा. हम लोकतंत्र के लिए लड़ेंगे. उन्होंने कहा कि जो हुआ उससे धोखे का अहसास है.
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बता दें कि इससे पहले गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को लोकसभा में कहा कि नेशनल कान्फ्रेंस के नेता एवं सांसद फारूक अब्दुल्ला को न तो हिरासत में लिया गया है और न ही गिरफ्तार किया गया है, वह अपनी मर्जी से अपने घर पर हैं. गृह मंत्री की यह टिप्पणी सदन में एनसीपी की सुप्रिया सुले द्वारा फारूख अब्दुल्ला के सदन में उपस्थित नहीं होने का जिक्र किये जाने पर आई थी. सुप्रिया सुले ने सदन में अपनी सीट के पास वाली सीट की ओर इशारा करते हुए कहा कि आज वह (फारूख) सदन में नहीं हैं, उनकी आवाज नहीं सुनी जा सकी.
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इस पर गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, ‘‘वह न तो हिरासत में हैं और न ही गिरफ्तार किया गया है, वह अपनी मर्जी से अपने घर पर हैं.''जब सुले ने कहा कि हो सकता है नेशनल कांफ्रेंस नेता अस्वस्थ हों. इस पर शाह ने कहा कि इसके बारे में डॉक्टर बता सकते हैं. 'मैं इलाज नहीं कर सकता, यह डॉक्टरों को करना है.'' लोकसभा में जम्मू कश्मीर पुनर्गठन विधेयक 2019 एवं जम्मू कश्मीर संबंधी संकल्प पर चर्चा के दौरान सुप्रिया सुले के अलावा कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी और डीएमके केटीआर बालू ने भी नेशनल कांफ्रेंस नेता के बारे में जानना चाहा.'
बता दें कि मोदी सरकार ने एक दिन पहले ही जम्मू-कश्मीर से धारा 370 (Article 370) हटाने का ऐलान कर दिया . इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर को मिला विशेष राज्य का दर्जा खत्म हो गया. वहीं सरकार ने जम्मू-कश्मीर को दो हिस्सों में बांटने का ऐलान भी किया. इसके अनुसार जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) और लद्दाख (Ladakh) को केंद्र शासित प्रदेश बनाया जाएगा.
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