Muharram Procession In Hyderabad: कोर्ट के आदेशों के बावजूद हैदराबाद में रविवार को सैकड़ों लोग मुहर्रम के जुलूस में शामिल हुए. कोरोना वायरस महामारी के इस दौर में न सिर्फ सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों की धज्जियां उड़ाई गईं बल्कि लोगों ने चेहरे पर मास्क जैसे जरूरी बातों की भी अनदेखी की. बड़ी संख्या में लोग पुराने हैदराबाद में एकत्रित हुए और बीबी के आलम का जुलूस निकाला. इस दौरान ज्यादातर लोग बिना मास्क के देखे गए.
#WATCH Norms of social distancing flouted during annual 'Bibi Ka Alam' Muharram procession in Hyderabad, Telangana. pic.twitter.com/deWmRjmSMm
— ANI (@ANI) August 30, 2020
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बता दें कि तेलंगाना हाईकोर्ट ने कोरोना संकट को देखते हुए मुहर्रम के दिन हैदराबाद में जुलूस निकालने की इजाजत नहीं दी थी. पिछले हफ्ते सुप्रीम कोर्ट ने भी इस मांग को खारिज कर दिया था. इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है जब 'बीबी का आलम' का जुलूस किसी वैन में निकाला गया है, इससे पहले इसे सजा संवार कर एक हाथी पर निकाला जाता था. सैकड़ों की संख्या वाला यह जुलूस डाबेरपुरा से शुरू हुआ और चारमीनार-गुलजार हुज-पुरानी हवेल-दारुलशिफा से गुजरते हुए चर्मघाट पर खत्म हुआ.
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बता दें मुहर्रम इस्लामिक कैलेंडर का पहला महीना होता है. हालांकि, मुसलमानों के लिए ये महिना सबसे पवित्र होता है. मुसलमान समुदाय के लिए यह महीना बेहद ही पाक होता है और इसे गम के महीने के तौर पर मनाया जाता है. शिया मुसलमानों के लिए ये महीना खास महत्व रखता है. वैसे तो इस पूरे महीने को ही खास माना जाता है लेकिन इस महीने का 10वां दिन सबसे अधिक खास होता है, जिसे रोज-ए-अशुरा कहते हैं. इस दिन को मुस्लिम समुदाय मोहम्मद हुसैन के नाती हुसैन की शहादत के तौर पर मनाता है.
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