दिल्ली में डेंगू केस पिछले साल से 7 गुना हुए, 5600 मामले सिर्फ नवंबर में दर्ज

Delhi Dengue : दिल्ली में 15 नवंबर तक डेंगू के कुल 5277 मामले दर्ज किए गए थे, जो वर्ष 2015 के बाद दिल्ली में इस बीमारी के सबसे ज्यादा मामले हैं. पिछले एक हफ्ते में करीब 1,850 नए डेंगू के मामले सामने आए हैं.

दिल्ली में डेंगू केस पिछले साल से 7 गुना हुए, 5600 मामले सिर्फ नवंबर में दर्ज

दिल्ली में डेंगू के मामले नवंबर में बहुत तेजी से बढ़े

नई दिल्ली:

Delhi Dengue Cases : दिल्ली में डेंगू का प्रकोप कम होने का नाम नहीं ले रहा है. इस साल डेंगू के मामले 2020 के मुकाबले सात गुना हो गए हैं. राष्ट्रीय राजधानी में डेंगू के केस 2015 के बाद सबसे ज्यादा संख्या में पहुंच गए हैं. दिल्ली में इस साल डेंगू के केस (Delhi Dengue Total Cases) बढ़कर 7100 से ज्यादा हो गए हैं. इनमें से 5600 केस सिर्फ नवंबर में ही दर्ज किए गए हैं. नगर निगम ने सोमवार को ताजा आंकड़े जारी किए हैं. 

Dengue: डेंगू से जल्द रिकवरी के लिए दवाइयों के साथ खाएं ये 4 चीजें, मिलेगा जबरदस्त फायदा

राजधानी में 15 नवंबर तक डेंगू के कुल 5277 मामले दर्ज किए गए थे, जो वर्ष 2015 के बाद दिल्ली में इस बीमारी के सबसे ज्यादा मामले हैं. पिछले एक हफ्ते में करीब 1,850 नए डेंगू के मामले सामने आए हैं. हालांकि राहत की बात रही है कि किसी और शख्स की मौत नहीं हुई है. नगर निगम की ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि इस बार मौसम में 20 नवंबर तक डेंगू के कुल 7128 केस सामने आए हैं.

Foods For Dengue Fever: डेंगू के बाद तेजी से रिकवरी के लिए डाइट में शामिल करें ये चीजें

रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2016 में डेंगू के 4431 मामले, वर्ष 2017 में 4726 केस, 2018 में 2798 केस, 2019 में 2036 और 2020 में 1072 केस सामने आए थे. इससे पहले 2015 में शहर में डेंगू का भयानक कहर बरपा था. तब दिल्ली में अक्टूबर में ही कुल मामले 10,600 के पार चले गए थे. वो 1996 के बाद राजधानी में इस बीमारी का सबसे खराब दौर था. 

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

दिल्ली में डेंगू का कहर ऐसे वक्त बढ़ रहा है, जब पहले ही कोरोना और प्रदूषण को लेकर नगरवासियों में दहशत व्याप्त हैं. डेंगू के मामले दिल्ली में छह साल का रिकॉर्ड तोड़ चुके हैं. कोर्ट की ओर से भी डेंगू के बढ़ते मामलों को लेकर चिंता जताई जा चुकी है. डेंगू के भी कई प्रकार के लक्षणों वाले मरीज सामने आए हैं. ऐसे में शुरुआती दौर में यह पता करना बेहद मुश्किल होता है कि कब ये बीमारी गंभीर रूप लेगी.