नोटबंदी के बाद मुंबई में चोरी घटी, कुल अपराध में 30 फीसदी की कमी

नोटबंदी के बाद मुंबई में चोरी घटी, कुल अपराध में 30 फीसदी की कमी

प्रतीकात्मक फोटो

मुंबई:

नोटबंदी का असर क्या आम आदमी के साथ अपराधियों पर भी पड़ा है? मुंबई शहर में दर्ज अपराध के आंकड़े से ऐसा ही लग रहा है. मुंबई में अपराध के ग्राफ में 30 फीसदी कमी के संकेत मिले हैं. वहीं नासिक में तो घर में चोरी की एक ऐसी वारदात, जिसमें चोर ने घर में रखे सिर्फ 100-100 के नोट लिए जबकि 1000-500 के नोट छोड़ दिए.

मतलब यह कि नोटबंदी का असर सिर्फ आम जनता पर नहीं तो अपराधियों पर भी पड़ता दिख रहा है. सिर्फ मुंबई की बात करें तो 8 नवंबर को नोटबंदी की घोषणा से 13 नवंबर तक मुंबई शहर में 290 ही गंभीर किस्म के अपराध दर्ज हुए हैं, जबकि उसके पहले सप्ताहभर में 390 अपराध दर्ज हुए थे.

नोटबंदी के पहले के सप्ताह और उसके बाद के सप्ताह की तुलना करें तो 31 अक्टूबर से 6 नवंबर तक 118 चोरी, 51 सेंधमारी तो 127 जख्मी करने के मामले दर्ज हुए थे, जबकि 7 नवंबर से 13 नवंबर तक 99 चोरी, 36 सेंधमारी तो 67 जख्मी करने के मामले ही दर्ज हुए हैं.

यानी नोटबंदी के बाद मुंबई शहर में 30 फीसदी अपराध कम हुए हैं तो क्या अपराधी भी नोटबंदी के जाल में उलझे हुए हैं? मुंबई पुलिस के प्रवक्ता अशोक दुधे का कहना है कि ये बात सही है कि पिछले सप्ताह की तुलना में इस हफ्ते अपराध कम हुए हैं, लेकिन सिर्फ एक सप्ताह के आंकड़ों से किसी नतीजे पर पहुंचना जल्दबाजी होगी. कम से कम एक महीने के आंकड़ों को देखना होगा.

नोटबंदी का असर ऑनलाइन फ्रॉड पर भी पड़ता दिखा है, लेकिन यहां बात उलट है. 108 नंबर की एम्बुलेंस पर तैनात  डॉ शंकर शिरगिरे को तो ठग ने प्रधानमंत्री के ऐलान करने के ठीक दूसरे दिन ही फ़ोन पर खुद को आरबीआई अधिकारी बताकर उनके अकाउंट से हजारों रुपये निकाल लिए. डॉ शंकर की मानें तो नोटबंदी की खबर ने उनके मन पर इतना असर कर दिया था कि कार्ड रिन्यू करने की आशा में उन्होंने फोन करने वाले को ओटीपी नंबर तक बता वह जब तक समझते उनके अकाउंट से 2 बार में 6 हजार रुपये डेबिट हो चुके थे.


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