कांग्रेस की पश्चिम बंगाल इकाई ने मंगलवार को भाजपा पर राज्य के विभाजन की साजिश रचने का आरोप लगाया और दावा किया कि यह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की बड़ी योजना का हिस्सा है. हाल ही में भाजपा सांसद जॉन बारला ने उत्तरी बंगाल के जिलों को मिलाकर केंद्र शासित प्रदेश गठित करने की मांग उठायी थी. इसी तरह, भाजपा के सांसद सौमित्र खान ने भी राज्य के दक्षिणी भाग जंगलमहल के लिए ऐसी ही मांग उठाई थी. हालांकि, बंगाल के भाजपा नेताओं ने कहा था कि वे राज्य के विभाजन के पक्ष में नहीं हैं.
बंगाल में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने संवाददाताओं से बातचीत में आरोप लगाया, ''यह सभी को पता है कि भाजपा के इस तरह के हर कदम के पीछे आरएसएस है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आरएसएस से प्रभावित हैं और आरएसएस की मुस्लिम बहुल प्रांतों को काटकर अलग राज्यों में मिलाने की पुरानी योजना है.'' उन्होंने बिना अधिक ब्यौरा दिए कहा, ''उनकी यही योजना उत्तर प्रदेश के लिए है और यही योजना पश्चिम बंगाल के लिए है.''
इस बीच भाजपा नेतृत्व ने अपने नेताओं को पार्टी लाइन के किसी भी तरह के उल्लंघन को लेकर चेताया जो राज्य के विभाजन के खिलाफ है.
अपने दो सांसदों के बयान को लेकर हो रही आलोचना के बाद भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा,“हमारे कुछ नेताओं ने अपनी व्यक्तिकत क्षमता में कुछ बयान दिए हैं. इसका पार्टी लाइन या राय से कोई लेना देना नहीं है जो किसी भी रूप में बंगाल के विभाजन के खिलाफ है. एक वफादार सिपाही की तरह सभी को पार्टी लाइन का पालन करना चाहिए. पार्टी के आधिकारिक रुख का उल्लंघन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.”
घोष के बयान के कुछ ही घंटों के अंदर सौमित्र खान ने कहा कि उन्होंने बयान अपनी व्यक्तिगत क्षमता में दिया था.
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