दिल्ली में लोगों को किसने भड़काया? इस सवाल पर राजनीति शुरू हो गई है. कानून मंत्री ने कांग्रेस नेताओं पर दिल्ली में आम लोगों की भावना भड़काने का आरोप लगाया, तो कांग्रेस ने पटलवार करते हुए पूछा- लोगों को भड़काने वाले कपिल मिश्रा, प्रवेश वर्मा जैसे बीजेपी नेताओं के खिलाफ आज तक एफआईआर क्यों नहीं दर्ज़ की गई है? दिल्ली में दंगों की आग के लिए जिम्मेदार कौन? इस सवाल पर शुक्रवार को कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने आरोप लगाया कि राजधर्म के नाम पर सोनिया गांधी और कांग्रेस ने लोगों में उत्तेजना फैलाई.
कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा- "सोनिया जी आप अपनी टिप्पणी को देखिए जो आपने रामलीला मैदान में कहा था - इस पार या उस पार. 'इस पार या उस पार' का मतलब है संवैधानिक रास्ते से अलग. ये कौन सा राजधर्म है सोनिया जी. आपने लोगों में उत्तेजना क्यों फैलाई...सोनिया जी मुझे आपसे एक बात पूछनी है कि जब शाहीन बाग में बच्चों को प्रधानमंत्री के खिलाफ हिंसा के लिए उकसाया जा रहा था, तब भी आप खामोश थीं. ये है आपका राजधर्म."
कांग्रेस ने जवाब देने में देरी नहीं की. कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने पलटवार करते हुए सवाल उठाया कि लोगों को उकसाने के आरोपी बीजेपी नेताओं के खिलाफ एफआईआर क्यों दर्ज़ नहीं
की जा रही है.
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अभिषेक मनु सिंघवी, प्रवक्ता, कांग्रेस ने कहा -- "क्या कपिल मिश्रा के खिलाफ FIR हुई है? क्या प्रवेश वर्मा के खिलाफ FIR हुई है? क्या संगीत सोम के खिलाफ FIR हुई है?"
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उधर इस राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप के बीच दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग ने दिल्ली दंगों की जांच हाईकोर्ट के सिटिंग जज से करने की मांग की है. ज़फरुल इस्लाम, चेयरमैन, दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग ने कहा- " दिल्ली में जो दंगा हुआ वह नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ चल रहे प्रदर्शन को रोकने के लिए किया गया है. हम मांग करते हैं कि इन दंगों की जांच दिल्ली हाईकोर्ट के सिटिंग जज से कराई जाए."
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