पशुचिकित्सा की छात्रा की नई पहल, आवारा कुत्तों को सड़क दुर्घटना से बचाने के लिए बनाए रिफ्लेक्टिव कॉलर

दिल्ली में एक पशुचिकित्सा की छात्रा(Veterinary student) ने सड़क पर घूमने वाले आवारा कुत्तों(stray dogs) को सड़क दुर्घटना का शिकार होने से बचाने के लिए रिफ्लेक्टिव कॉलर(reflective collar) बनाया है.

पशुचिकित्सा की छात्रा की नई पहल, आवारा कुत्तों को सड़क दुर्घटना से बचाने के लिए बनाए रिफ्लेक्टिव कॉलर

पशुचिकित्सा की छात्रा की नई पहल, आवारा कुत्तों को सड़क दुर्घटना से बचाने के लिए बनाए रिफ्लेक्टिव कॉलर

नई दिल्ली:

दिल्ली में एक पशुचिकित्सा की छात्रा(veterinary student) ने सड़क पर घूमने वाले आवारा कुत्तों(stray dogs) के लिए एक नई पहल की है. इस छात्रा ने सड़क पर घूमने वाले आवारा कुत्तों को सड़क दुर्घटना का शिकार होने से बचाने के लिए रिफ्लेक्टिव कॉलर(reflective collars) बनाया है. यह छात्रा सड़क पर घूमने वाले सभी कुत्तों को सड़क दुर्घटना से बचाने के लिए उनके गले में यह रिफ्लेक्टिव कॉलर पहनाती है और साथ ही इन कुत्तों को खाना भी खिलाती है.

छात्रा का कहना है, "लॉकडाउन के दौरान, कुत्तों को सड़कों पर कोई कार नहीं देखने की आदत हो गई थी. अब जब वाहन सड़कों पर दोबारा वापस आ गए हैं, तो मैं इन कॉलर को उनके गले में लगा रही हूं, ताकि ड्राइवर उन्हें दूर से देख सकें और दुर्घटनाओं से बचा जा सके." आपको बता दें कि यह रिफ्लेक्टिव कॉलर कुत्तों के गले में पहनाया जाता है, जिससे दूर से आने वाली गाड़ियां बैठा ड्राइवर उन्हें दूर से ही देख सकते है और कोई भी सड़क दुर्घटना होने से बचा जा सकता है.

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बता दें कि लॉकडाउन के दौरान सड़क पर वाहनों का आवाजाही भी बिल्कुल बंद कर दी गई थी. ऐसे में कुत्तों को खाली सड़कों पर घूमने की आदत हो गई थी. लॉकडाउन के दौरान कई महीनों तक सड़कों पर वाहनों का दिखना भी कम हो गया था. लेकिन, अब जब सड़कों पर दोबारा से वाहनों का चलना शुरु हो गया है और कुत्तों को इनकी आदत नहीं रही. तो सड़क दुर्घटना होने की उम्मीद काफी बढ़ गई है. इसी से कुत्तों को बचाने के लिए इस छात्रा ने रिफ्लेक्टिव कॉलर बनाए हैं. जिससे कुत्तों को सड़क दुर्घटना का शिकार होने से बचाया जा सके.